उत्तराखंड

आठ मार्च से होगा वसंतोत्सव का आगाज,जाने क्या क्या होंगी विशेषतायें

देहरादून। उत्तराखंड में वसंत आगमन को लेकर काफी चहल पहल बनी रहती है। बसंत के साथ प्रदेश की खूबसूरती और बगही ज्यादा निखर के आती है। बता दें की बसंत आगमन को लेकर हर साल कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसको लेकर  शनिवार को राजभवन में वसंतोत्सव को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बताया कि इस वर्ष आठ मार्च को राजभवन में वसंतोत्सव को आगाज होगा। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1609.93 हेक्टेयर हो गया है।

उन्होंने बताया कि इसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लॉवर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, गुलदाउदी, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यवसायिक उत्पादन किया जा रहा है। इस अवसर पर सचिव डॉ मीनाक्षी सुंदरम तथा निदेशक उद्यान डॉ एच एस बवेजा भी उपस्थित थे |

राजभवन में  2003 से प्रारंभ किया जाने वाला वसंत उत्सव देहरादून की पहचान बन चुका है। पुष्प प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होकर अब एक बडे़ सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव में बदल चुका है। उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां एवं उपलब्ध जलवायु पुष्पोत्पादन के लिए उपयुक्त है। कम क्षेत्रफल से अधिक आय प्राप्त होने के कारण कृषकों/उत्पादकों में इसके उत्पादन की अभिरूचि में वृद्धि हो रही है। प्रतिवर्ष राजभवन के प्रागंण में वसंतोत्सव के आयोजन से पुष्पोत्पादन के क्षेत्र में जनसाधारण एवं कृषकों में विशेष जागरूकता व अभिरूचि विकसित हुई है।

ये रहेंगे वसंतोत्सव 2022 के मुख्य आकर्षण: कट फ्लावर, पॉटेड प्लान्टस प्रबन्धन, लूज फ्लावर प्रबन्धन, पुष्प के अतिरिक्त पॉटेड प्लान्टस, कैक्टस एवं सकुलेन्ट्स, हैंगिंग पॉटस, फूलों के गमले, ऑन द स्पॉट फोटोग्राफी, ताजे पुष्प दलों की रंगोली, पुष्पों की प्रतियोगिता, लॉन, 05 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

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