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अफ्रीका : नाइजर के स्कूल में आग लगने से 20 बच्चों की मौत, कई झुलसे

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नियामी (नाइजर). पश्चिम अफ्रीका (Africa) के नाइजर (Niger) के दूसरे सबसे बड़े शहर मरादी के एक स्कूल में आग (Fire) लगने के कारण 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों जख्मी हुए हैं. सरकार ने सोमवार देर शाम बताया कि एएफएन नाम के प्राथमिक विद्यालय में तीन क्लासरूम आग की चपेट में आए जिससे तीन से आठ साल की उम्र के बच्चों की जान चली गई. क्लासरूम फूस के बने हुए थे. राष्ट्रीय शिक्षा विभाग ने पुष्टि की है कि आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है और यह भी देखा जाएगा कि आग कहां से शुरू हुई. पश्चिम अफ्रीका के नाइजर में छात्रों से भरे स्कूलों में अस्थायी क्लासरूम बनाए जाते हैं.

इस साल अप्रैल में नाइजर की राजधानी नियामी के बाहरी इलाके में स्थित एक प्राथमिक स्कूल में आग लगने से 20 बच्चों की मौत हो गई थी. शिक्षकों ‍एवं माता-पिता ने कहा है कि ऐसी घटनाएं बताती हैं कि अस्थायी क्लासरूम कितने खतरनाक हैं. नाइजर में यूनिसेफ के प्रतिनिधि स्टेफना सावी ने एक बयान में कहा, ‘हमारी संवेदनाएं प्रभावित बच्चों और परिवारों के साथ हैं. हम पीड़ितों के परिवारों और उनके समुदायों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.’

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आतंकवाद से जूझ रहा है नाइजर
नाइजर, बुर्किना फासो और माली के बीच तथाकथित आदिवासी क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी ज्यादातर अल-कायदा या इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े हैं. अधिकारियों द्वारा सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद भी क्षेत्र में आतंकी हमले कई बार हुए हैं. गोलीबारी के बाद हमलावर माली की ओर भाग जाते हैं. इसी साल अगस्‍त में दक्षिण-पश्चिम नाइजर (southwest niger) के एक गांव पर हुए हमले में हथियारबंद लोगों ने 14 बच्चों समेत 37 नागरिकों की हत्या कर दी थी. अधिकारियों ने बताया था कि अकेले इस साल इसी क्षेत्र में आतंकवादियों ने सैकड़ों नागरिकों की हत्या की है. माली के सटी नाइजर की सीमा के पास तिलबेरी क्षेत्र के बानीबांगो के कम्यून में अज्ञात हमलावरों ने सोमवार को गोलियां चलाईं. एक स्थानीय अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि दोपहर में जब लोग खेतों में काम कर रहे थे तो हमलावर डेरे-डे गांव में ‘मोटरबाइकों पर पहुंचे.’ एक स्थानीय पत्रकार ने एएफपी को बताया, ‘उन्होंने लोगों को खेतों में पाया और कुछ भी हिलने-डुलने पर गोली मार दी.’

नाइजर के दक्षिण पश्चिम इलाके में वर्ष 2017 से ही आपातकाल लागू
हिंसा, गृहयुद्ध के कारण नाइजर के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में 2017 से ही आपातकाल लागू है. यहां लगातार हिंसक वारदातों में हजारों नागरिक मारे जा चुके हैं और हजारों ने यहां से पलायन कर लिया है. ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल तिलबेरी और पड़ोसी क्षेत्र तहौआ में जिहादी हमलों में कम से कम 420 नागरिक मारे गए. अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूह के सहायक निदेशक कोरिन दुफ्का ने रिपोर्ट में कहा, ‘सशस्त्र इस्लामी समूह पश्चिमी नाइजर में नागरिकों पर हमला कर रहे हैं.’

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