Bank Scam: पत्नी की कंपनी में चपरासी रहे शख्स के नाम पर बनाई फर्म, ट्रांसफर किए करोड़ों रुपये
[ad_1]
रांची. बैंक ऑफ इंडिया लोन धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक और खुलासा किया है. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने छानबीन के दौरान पाया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट अनीस अग्रवाल ने लोन के जरिये बैंक ऑफ इंडिया (BoI loan Fraud) से लिए गए 15 करोड़ रुपये को मुखौटा कंपनियों (Shell Companies) के जरिये ठिकाने लगाने के एवज में सीए अनीस अग्रवाल ने मोटी रकम वसूल की थी. जांच एजेंसी रिपोर्ट में अनीस को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताते हुए कहा है कि आरोपी सीए ने इन पैसों को इधर से उधर करने के लिए अपनी पत्नी की कंपनी में काम करने वाले एक चपरासी के नाम पर फर्म खोल दी और करोड़ों रुपये इस कंपनी के खाते में डाल दिए.
जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि अमित सरावगी ने बदरी केदार उद्योग के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया से 15 करोड़ रुपये का लोन लिया था. यह कर्ज कपड़ा के थोक व्यापार के नाम पर लिया गया था. आरोप है कि अमित ने यह रकम अलग-अलग शेल कंपनियों के जरिये इधर से उधर कर दिया. उन्होंने लोन भी नहीं चुकाया. बदरी केदार उद्योग के नाम पर लिए गए लोन की राशि को ठिकाने लगाने में सीए अनीस की अहम भूमिका सामाने आई है.
भ्रष्टाचार की अजब कहानी: डैम में ही बनवा दिया पोस्टमॉर्टम हाउस, SDM बोले- करवाएंगे जांच
चपरासी के नाम पर बनाई गई कंपनी में एक दिन में 5.78 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए. सीबीआई जांच में यह भी पता चला है कि जगदंबा एसोसिएट्स के खाते से सरावगी बिल्डर्स को 1.87 करोड़ रुपये और मेसर्स सी स्काई ट्रेडर्स के खाते में 87.96 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे.
सीबीआई की जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि सीए अनीस अग्रवाल ने करोड़ों रुपये को ठिकाने लगाने के लिए अपनी पत्नी के नाम से खोली गई कंपनी में चपरासी का काम करने वाले विजय वर्मा के नाम पर एक सुनियोजित साजिश के तहत फर्म बनाई गई थी. बाद में विजय के नाम पर खोली गई कंपनी के बैंक खाते से अन्य कंपनियों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए. जगदंबा एसोसिएट्स का खाता रांची स्थित कॉरपोरेशन बैंक की मुख्य शाखा में खोली गई थी.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link