Jim Corbett Park Case : अवैध निर्माण पर भड़का उत्तराखंड हाई कोर्ट, केंद्र और राज्य से तलब की ATR
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नैनीताल. उत्तराखंड के उच्च न्यायालय ने वन एवं पर्यावरण के केंद्रीय मंत्रालय और राज्य के वन एवं वन्यजीवन विभाग के आला अधिकारियों से जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की निगरानी करने और एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा है. हाई कोर्ट ने ये आदेश उस शिकायत की सुनवाई पर दिए, जिनमें टाइगर रिज़र्व में अवैध निर्माण कार्य और पेड़ों के काटे जाने के आरोप लगाए गए थे. इसके साथ ही कोर्ट ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकार की पिछली रिपोर्ट के संबंध में भी जवाब तलब किया है.
जिम कॉर्बेट पार्क के कोर ज़ोन में सड़क और भवन निर्माण पर हाई कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया है. चीफ जस्टिस कोर्ट ने पार्क के भीतर निर्माण पर नाराज़गी जताते हुए राज्य सरकार समेत केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने एनटीसीए की रिपोर्ट के आधार पर छपी खबर का संज्ञान लिया. चीफ जस्टिस आरएस चौहान की बेंच ने केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, प्रमुख वन संरक्षक समेत निदेशक कॉर्बेट को नोटिस जारी कर 9 नवंबर तक रिपोर्ट फाइल करने का आदेश दिया. क्या कोई निर्माण हुआ है? यह पूछते हुए कोर्ट ने कहा कि अधिकारी निरीक्षण करें और क्या कार्रवाई हुई, इस पर एटीआर फाइल करें.
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कॉर्बेट केस में केंद्र व राज्य से रिपोर्ट मांगी.
कॉर्बेट पार्क में ऐसे निर्माण से पर्यावरण को खतरा : HC
दरअसल हाई कोर्ट ने एक खबर पर संज्ञान लेते हुए कहा कि कॉर्बेट पार्क के भीतर जमूड़ पांखरों में निर्माण हो रहा है, जो बाघों के साथ ही पर्यावरण के लिए खतरा है. राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण की टीम के निरीक्षण में वन्य जीवों के आवास पर अतिक्रमण की बात सामने आने को कोर्ट ने गंभीर माना. गौरतलब है कि कोर्ट के संज्ञान में आया कि पार्क के कोर और बफर ज़ोन में कुछ प्राइवेट रिज़ॉर्ट मालिक सड़क के साथ भवन निर्माण कर रहे हैं, जिसका ज़िक्र नेशनल बाघ प्राधिकरण की टीम ने अपनी रिपोर्ट में किया. अब कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार की एजेंसियों को निरीक्षण कर रिपोर्ट फाइल करने को कहा.
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