हाई कोर्ट में PIL – ‘अभी न हों उत्तराखंड चुनाव’, चुनाव आयोग से अपील – ‘रैलियों पर पाबंदी लगे’
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नैनीताल/देहरादून. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर क़यास है कि जल्द ही चुनाव आयोग तिथियों और शेड्यूल को लेकर अधिसूचना जारी कर सकता है, लेकिन दूसरी तरफ कोरोना के खतरे से हालात चिंताजनक हो रहे हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव टालने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका उत्तराखंड में दाखिल की जा चुकी है, जो राज्य की स्थितियों और व्यवस्थाओं पर गंभीर आरोप लगाती है. वहीं, उत्तराखंड के प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने भी मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए मांग कर दी है कि भीड़ जुटाने वाली चुनावी रैलियों को सख्ती से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
कोरोना पर सक्रिय विमर्श करने वाले सोशल एक्टिविस्ट अनूप नौटियाल ने बड़ी चुनावी रैलियों को कोविड संक्रमण के लिहाज़ से खतरनाक बताते हुए चुनाव आयोग से मांग की है कि रैलियों पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए. एक बयान जारी करते हुए नौटियाल ने कहा कि इस तरह की रैलियां सुपर स्प्रेडर हो सकती हैं और उत्तराखंड में हालात काबू से बाहर हो सकते हैं इसलिए चुनावी रैलियों को ऑनलाइन किए जाने का मशवरा देते हुए कहा चूंकि यह सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है इसलिए इस पर तुरंत दखल देने और सही फैसले लेने की ज़रूरत है.
सोशल एक्टिविस्ट अनूप नौटियाल का ट्वीट.
कल होगी हाई कोर्ट में सुनवाई
हाईकोर्ट में एक पीआईएल की सुनवाई सोमवार को होनी थी, जिसे अब बुधवार तक सरका दिया गया है. कोविड का प्रकोप लगातार बढ़ने के कारण उत्तराखंड में चुनाव टाल दिए जाने की मांग करने वाली इस याचिका को लेकर अदालत ने सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस सर्व करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है. चूंकि सोमवार को कोर्ट के चीफ जस्टिस मौजूद नहीं थे इसलिए इस याचिका पर सुनवाई अब बुधवार को होगी.
क्यों नहीं हों चुनाव? क्या है याचिका का तर्क?
याचिका में कहा गया है कि राज्य में कोविड तेज़ी से बढ़ रहा है और राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. राज्य में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी है, साथ ही ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा भी बना हुआ है. याचिका के मुताबिक बावजूद इसके चुनावी सभाएं बढ़ने से खतरा बढ़ रहा है क्योंकि कोविड के नियमों का पालन कराने में सरकार नाकाम है. याचिकाकर्ता के वकील शिव भट्ट ने कहा कि चुनावी माहौल में न तो लोग मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं.
हांलाकि सरकार ने कोर्ट में कहा कि कोविड नियमों के पालन के लिए सभी ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. 25 व 27 दिसंबर को केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुपालन में एसओपी जारी करते हुए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कहा कि राज्य में चुनाव का निर्णय चुनाव आयोग को लेना है.
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Tags: Assembly elections, Uttarakhand Assembly Election, Uttarakhand high court
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