Uttarkhand Chunav: आखिर रुड़की में क्यों रूठ गए बीजेपी के 14 पार्षद, चुनावों पर कितना पड़ेगा असर
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रुड़की. उत्तराखंड में चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है. प्रदेश में हर जगह चुनावी माहौल बना हुआ है. सत्ता पर आसीन भाजपा सरकार की चुनावी गणित बैठाने की कोशिशों में लगी है. ऐसे में भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है. रुड़की में सोमवार को 14 पार्षदों ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. इसके पीछे उन्होंने मजबूरी बताया क्योंकि कुछ पार्षद गुट उनके विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं. एक तरफ चुनाव सिर पर हैं दूसरी तरफ इतने लोगों का भाजपा से दूर होना, पार्टी के लिए चिंता का विषय है.
मेयर और पार्षद का नहीं तालमेल
शहर में विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलाने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए महापौर और पार्षदों के बीच तालमेल का होना बेहद जरूरी है. लेकिन रुड़की में यह काफी समय से समस्या बना हुआ है. यहां पर निगम बनने से लेकर आज तक कभी भी महापौर और पार्षदों के बीच सभी से तालमेल नहीं बना, इस कारण शहर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही इससे विकास कार्य भी बाधित होते हैं. एक साथ इतने पार्षदों का यूं नाराज होना शहर में चर्चा का विषय बन गया. पार्षदों को आरोप है कि वार्डों में विकास कार्यों में दूसरा पार्षद गुट बाधा पहुंचा रहे इसलिए उन्हें मजबूर आज सामूहिक इस्तीफा देना पड़ा है.
वरिष्ठ नेता नहीं दे रहे ध्यान
पार्षदों का आरोप है कि कई बार मामले की जानकारी बीजेपी संगठन और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी दी गई. लेकिन आज तक इसका संज्ञान नही लिया गया. इस तरह से विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इतने पार्षदों को नाराज होना पार्टी के लिए सही नहीं है. पार्टी इन पाषर्दों को वापस अपने खेमे में लाएगी या फिर आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगतेगी यह समय बताएगा.
वहीं मामले में प्रदेश प्रवक्ता सुशील त्यागी का कहना कि जिला अध्यक्ष से बातचीत की जाएगी और पार्षदों को मना लिया जाएगा.
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