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सोवियत संघ टूटने के बाद ऐसी हो गई थी व्लादिमीर पुतिन की हालत, खर्चे के लिए चलानी पड़ी टैक्सी

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मॉस्को. रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin)दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार हैं. पिछले 22 साल से पुतिन रूस की सत्ता में काबिज हैं. आज भले ही रूस का दुनिया में वह कद ना रहा हो कभी सोवियत संघ (USSR) का हुआ करता था, लेकिन कई चुनौतियों के बाद भी पुतिन ने रूस के रूतबे की अहमियत को भी कम नहीं होने दिया है. एक डॉक्यूमेंट्री में पुतिन से ऐसे ही संघर्ष का जिक्र किया है. राज्य द्वारा संचालित समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के एक डॉक्यूमेंट्री में व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि सोवियत संघ के विघटन के बाद अपनी आर्थिक हालत सुधारने के लिए कभी-कभी उन्होंने टैक्सी (Putin Drive Taxi) तक चलाई थी, ताकि उनकी इनकम बढ़ सके.

आरआईए नोवोस्ती की डॉक्यूमेंट्री में पुतिन ने कहा- ‘कभी-कभी मुझे अतिरिक्त पैसा कमाना पड़ता था. मेरा मतलब है कि मैंने एक निजी कार ड्राइवर के रूप में अतिरिक्त पैसा कमाया. ऐसी बातें करना अप्रिय है, लेकिन दुर्भाग्य से उस वक्त ऐसा ही था.’ एक केजीबी खुफिया जासूस से रूस के राष्ट्रपति पद तक पहुंचे पुतिन की कई बाते ऐसी हैं जो उन्हें दुनिया के किसी भी राष्ट्रप्रमुख से बहुत ही अलग साबित करती हैं.

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व्लादिमीर पुतिन ने तीन दशक पहले हुए सोवियत संघ (USSR) के विघटन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह अधिकांश नागरिकों के लिए एक त्रासदी बनी हुई है. सोवियत संघ का अंत अपने साथ गंभीर आर्थिक अस्थिरता का दौर लेकर आया, जिसने लाखों लोगों को गरीबी में डुबो दिया. क्योंकि नव स्वतंत्र रूस साम्यवाद से पूंजीवाद की ओर विकसित हुआ था.

व्लादिमीर पुतिन सोवियत संघ के एक वफादार सेवक थे. इसके विघटन के बाद वह निराश हो गए थे. एक बार उन्होंने सोवियत संघ के पतन को 20वीं शताब्दी की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक आपदा करार दिया था.

पुतिन को बचपन से ही जूडो का शौक
दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंसान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बचपना एक शेयर्ड अपार्टमेंट में बीता. यह जगह सेंट पिट्सबर्ग में मौजूद है. पुतिन को बचपन से ही जूडो का शौक था. उन्होंने बहुत ही कम उम्र में ब्लैक बेल्ट की उपा‌धि हासिल कर ली थी. पुतिन आज भी जूडो की प्रैक्टिस करते हैं.

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खुफिया एजेंसी में मामूली शुरुआत
कॉलेज की पढ़ाई के बाद पुतिन को सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी में एक मामूली ओहदा मिला जिसके बाद वे केजीबी में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक तक पहुंचने में सफल रहे. इस पद से इस्तीफा देने के बाद 1991 में पुतिन का राजनीतिक करियर शुरू हुआ. 1996 में वे मॉस्को गए, जहां उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्त्सिन के प्रशासन से जुड़े.

ऐसे चुने गए राष्ट्रपति
बताया जाता है कि येल्त्सिन प्रशासन की अरजाकता का फायदा उठाकर कई लोग सत्ता तक पहुंचना चाहते थे और उन्होंने ही पुतिन का येल्त्सिन का उत्तारिधाकारी बनने में भूमिका निभाई. येल्त्सिन के इस्तीफे से पहले पुतिन फेडरल स्क्यूरिटी सर्विस के निदेशक और रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव रह चुके थे. 1999 में कुछ समय के लिए वे मंत्री भी रहे और फिर येल्त्सिन के इस्तीफे के बाद वे कार्यवाहक राष्ट्रपति बने. इसके चार महीने के बाद हुए चुनावों में औपचारिक रूप से देश के राष्ट्रपति चुन लिए गए.

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कब हुआ था सोवियत संघ का विघटन?
सोवियत संघ का विघटन 26 दिसंबर 1991 को हुआ था. इस घोषणा में सोवियत संघ के भूतपूर्व गणतन्त्रों को स्वतन्त्र मान लिया गया. विघटन के पहले मिखाइल गोर्वाचेव सोवियत संघ के राष्ट्रपति थे. विघटन की घोषणा के एक दिन पहले उन्होंने पदत्याग दिया था. 15 गणतांत्रिक गुटों का समूह सोवियत संघ रातोंरात टूट गया था और ये इतनी बड़ी टूट थी कि आज 25 सालों के बाद भी इसके झटके महसूस किए जा रहे हैं.

Tags: India and russia deal, Russia, Vladimir Putin



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