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अखिलेश यादव ने आबादी के लिहाज से मुस्लिमों को दिया टिकट, 159 सीटों में से 30 पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे

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लखनऊ. समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए एक साथ 159 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. लिस्ट को देखने के बाद ऐसा लगता है कि आबादी के अनुपात में ही मुस्लिम बिरादरी को टिकट दिया गया है. सपा ने 159 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किये हैं, जिनमें से 30 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा गया है. मुरादाबाद की सभी 6 सीटों कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद, मुरादाबाद नगर, कुन्दरकी और बिलारी पर अखिलेश यादव ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं.

जितनी सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारा गया है उनमें से कुछ अहम ये हैं. ठाकुरद्वारा से नवाब जान, मुरादाबाद से मोहम्मद नासिर, मुरादाबाद नगर से मोहम्मद यूसुफ अंसारी, कुंदरकी से जियाउर्रहमान और बिलारी से मोहम्मद फहीम इरफान को टिकट दिया गया है. इसके अलावा संभल से इकबाल महमूद को टिकट मिला है. रामपुर की स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम और रामपुर से मोहम्मद आजम खान को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं चमरव्वा से नसीर अहमद खां को उतारा गया है.

फिरोजाबाद सीट से सपा ने सैफ उर्रहमान को उतारा
अमरोहा जिले में अमरोहा से महबूब अली, मेरठ के किठौर से शाहिद मंजूर, मेरठ से रफीक अंसारी और मेरठ दक्षिण से मोहम्मद आदिल को कैंडिडेट बनाया गया है. हापुड़ की धौलाना सीट से असलम अली, अलीगढ़ की कोल से शाज इस्हाक, अलीगढ़ से जफर आलम को कैंडिडेट बनाया गया है. इसके अलावा फिरोजाबाद सीट से सपा ने सैफ उर्रहमान को प्रत्याशी बनाया है. बरेली की बहेड़ी सीट से अताउर्रहमान, मीरगंज से सुल्तान बेग और भोजीपुरा से शहजिल इस्लाम अंसारी को कैंडिडेट बनाया गया है.

रामपुर से आज़म खान होंगे सपा के उम्मीदवार
शाहजहांपुर से तनवीर खान को सपा ने उतारा है. रामपुर जिले पर सबकी नजरें थीं. यहां से आज़म खान और स्वार सीट से उनके बेटे को टिकट दिया गया है. आजम खान रामपुर से सांसद हैं. वहीं दूसरी अहम सीट रायबरेली जिले की ऊंचाहार सीट है. यहां से मनोज पांडेय को टिकट दिया गया है. कयास लगाये जा रहे थे कि इस सीट से स्वामी प्रसाद मौर्या अपने बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते थे.

बता दें कि सपा की घोषित 159 सीटों में से 30 मुस्लिमों को टिकट दिया गया है. ये अभी तक जारी सीटों का 18.86 फीसदी है. यूपी में इतनी ही मुस्लिम आबादी मानी जाती है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि सपा ने शायद उस फॉर्मूले को अपनाया है जिसमें कहा जाता रहा है कि जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी.

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Tags: Akhilesh yadav, Assembly elections, UP Assembly Election 2022, Uttar Pradesh Elections

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