Ashes Test Series: ‘क्रिकेट की मौत’ से शुरू हुआ था एशेज टेस्ट सीरीज का सफर, आज भी ‘राख’ के लिए होती है जंग
[ad_1]
नई दिल्ली. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया, क्रिकेट के जनक देश माने जाते हैं. आधिकारिक तौर पर खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत भी इन 2 देशों ने ही की. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच (ENG vs AUS) साल 1877 में पहली बार टेस्ट मैच खेला गया था. तब से लेकर अब तक इस खेल में काफी तरक्की हो चुकी है लेकिन आज भी इन दो देशों के बीच क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता काफी रहती है. इन 2 देशों के ही बीच हर साल एशेज टेस्ट सीरीज (Ashes Series) भी खेली जाती है. इस साल 8 दिसंबर से ब्रिसबेन में इसकी शुरुआत होनी है. इससे पहले जानते हैं कि आखिर इस सीरीज को एशेज यानी राख क्यों कहा जाता है.
साल 1882 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया था. तब ओवल मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम आसानी से मैच हार गई. यह उसके फैंस के लिए इसलिए भी शर्मनाक था क्योंकि इंग्लैंड पहली बार अपनी सरजमीं पर कोई टेस्ट मैच हारा था. इंग्लिश मीडिया ने इस पर काफी अफसोस जताया. इतना ही नहीं, इस हार को इंग्लिश मीडिया ने ‘इंग्लैंड क्रिकेट की मौत’ करार दे दिया. अगले दिन अखबार में इसी से हेडलाइन तक छप गई और एक शोक संदेश लिखा गया.
इसे भी देखें, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट, जानें- कब और कहां लाइव देखें मैच
इंग्लैंड के एक अखबार ‘द स्पोर्टिंग टाइम्स’ ने हार पर शोक संदेश छापा. इसमें लिखा था, ‘इंग्लिश क्रिकेट की प्यारी याद में जिसकी 29 अगस्त 1882 को ओवल में मौत हो गई. इसके अंतिम संस्कार के बाद उसकी राख (Ashes) ऑस्ट्रेलिया लेकर जाया जाएगा. यह काफी शर्मनाक लगा और इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने इससे सबक लिया. मन में ठाना कि हार का बदला लिया जाएगा.
इसके बाद जब अगले साल यानी 1883 में इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर रवाना हुई, तो इन्हीं पंक्तियों को आगे बढ़ाते हुए इंग्लिश मीडिया ने एशेज (Ashes) को वापस लाने की बात रखी. तब लिखा गया- Quest to regain Ashes यानी राख को वापस लाने की इच्छा. इस दौरे पर इंग्लैंड की टीम ने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज की.
इसे भी देखें, ऑस्ट्रेलिया करेगा नई शुरुआत, इंग्लैंड की निगाह 11 साल पुराना प्रदर्शन दोहराने पर
सच में ट्रॉफी में रखी है राख?
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एक अर्न (Urn) ट्रॉफी के लिए खेलते हैं. अर्न वह बर्तन होता है जिसमें राख या अस्थियां रखी जाती है. अब एशेज का नाम आने के बाद स्टंप्स पर रखी जाने वाली बेल्स (गिल्लियों) को जलाकर राख बनाया गया और उसको अर्न में डालकर इंग्लैंड के कप्तान को दिया गया. वहीं से, इस परंपरा की शुरुआत हो गई. आज भी एशेज ट्रॉफी उसी राख वाले बर्तन को ही माना जाता है. हालांकि जीतने वाले खिलाड़ियों को उस अर्न की प्रतिकृति दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि जो असल अर्न है, वह नाजुक है और उसे लॉर्ड्स मैदान के संग्रहालय में रखा गया है.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.
Tags: Ashes, Ashes 2021-22, Australia Cricket Team, Cricket news, England Cricket
[ad_2]
Source link