अंतर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र पहुंचा बांग्लादेश, भारत से समुद्री सीमा विवाद सुलझाने की लगाई गुहार

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ढाका. बंगाल की खाड़ी (Bay Of Bengal) में भारत के साथ पिछले कई दशक से चले आ रहे समुद्री सीमा के सुलझने में नाकाम रहने पर बांग्‍लादेश सरकार अब संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nations) पहुंच गई है. बांग्‍लादेश सरकार ने संयुक्‍त राष्‍ट्र से अपील की है कि वह भारत के साथ विवाद को सुलझाने में मदद करे. बताया जा रहा है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र में बांग्‍लादेश के स्‍थायी मिशन ने सोमवार को भारत के खिलाफ संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव के समक्ष दो अपील दाखिल की. बांग्‍लादेश ने बंगाल की खाड़ी में भारत के सीधे आधार रेखा के दावे का विरोध किया है. तुर्की की न्‍यूज एजेंसी अनाडोलू ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. एजेंसी ने बांग्‍लादेश के पूर्व विदेश सचिव शहीदुल हक के हवाले से कहा, ‘दोनों पड़ोसी देशों के बीच यह मुद्दा पिछले कई साल से लटका हुआ है. अब तक कई बार की बातचीत के बाद भी दोनों ही पक्ष इस सीमा विवाद का हल करने में नाकाम रहे हैं.’

हक ने कहा, ‘अब दोनों ही पक्ष संयुक्‍त राष्‍ट्र गए हैं और हम आशा करते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा प्‍लेटफार्म एक स्‍थायी हल मुहैया कराएगा.’ हालांकि उन्‍होंने कहा कि बांग्‍लादेश ने संयुक्‍त राष्‍ट्र के समक्ष अपनी याचिका को दाखिल करके अपनी भूमिका को पूरा कर लिया है और अब यूएन में मध्‍यस्‍थता की प्रक्रिया का सामना करना होगा.’ इससे पहले भारत सरकार ने अप्रैल में संयुक्‍त राष्‍ट्र में एक पत्र भेजकर बांग्‍लादेश के आधार रेखा का विरोध किया था.

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ढाका विश्‍वविद्यालय के अंतरराष्‍ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ चौधरी रफीकुल अबरार का कहना है कि बंगाल की खाड़ी बांग्‍लादेश के लिए एक अद्भुत संसाधन है और उसके कानूनी समुद्री क्षेत्र पर पूर्ण प्रभुत्‍व देश की संप्रभुता से जुड़ा हुआ है. उन्‍होंने भारत से अपील की कि वह विवादों के समाधान में संयुक्‍त राष्‍ट्र के समुद्री कानूनों के नियमों का पालन करे. उन्‍होंने कहा कि भारत और बांग्‍लादेश दोनों ही मित्र देश हैं और संयुक्‍त राष्‍ट्र के किसी भी फैसले को स्‍वीकार करेंगे.

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