उत्तराखंड चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की मुश्किलें बढ़ीं, हाई कोर्ट ने दिया नोटिस
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नैनीताल. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं क्योंकि हाई कोर्ट ने एक गंभीर मामले में उन्हें नोटिस थमा दिया है. शक्तिमान घोड़े की मौत के मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जोशी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी. कोर्ट ने जोशी के साथ ही उत्तराखंड सरकार के गृह सचिव समेत सह आरोपियों को भी नोटिस थमाए हैं और चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. इससे पहले इस मामले में सितंबर 2021 में निचली अदालत ने जोशी को क्लीन चिट दे दी थी.
दरअसल, साल 2016 में बजट सत्र के दौरान भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी. इस दौरान पुलिसकर्मियों व भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई थी. आरोप था कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर उन्हीं पर बरसाना शुरू कर दिया था. लाठी की कुछ चोटें पुलिस के घोड़े शक्तिमान को भी आई थीं, जिसके चलते वह घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में तीन महीने पहले जोशी को सीजेएम कोर्ट ने बरी कर दिया था.
कितना गंभीर है यह मामला?
इस मामले में 1971 की जंग के घायल सैनिक ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सीजेएम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है और जोशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. हालांकि इससे पहले जोशी के साथ ही अन्य 4 आरोपियों को न्यायालय ने दोष मुक्त करार दिया था. जोशी के खिलाफ मारपीट, बलवे और पशुओं के खिलाफ क्रूरता संबंधी मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें सबूतों की कमी के आधार पर कोर्ट ने उन्हें पांच साल पुराने मामले में बरी कर दिया था.
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