उत्तराखंड

BJP का​ Mission Uttarakhand : ‘अबकी बार 60 पार’ नारा तो है, लेकिन आसान नहीं है राह

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देहरादून. 2017 में प्रचंड मोदी लहर में उत्तराखंड बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन अब 2022 के विधानसभा चुनाव के समय स्थितियां अलग हैं. एक बार फिर पार्टी चुनाव मैदान में है. टारगेट है ‘साठ के पार’ सीटों का, लेकिन एंटी इनकमबेंसी और बदली सियासी परिस्थितियों में ये टारगेट हासिल करना अब उतना आसान नहीं है. यह बात खुद बीजेपी को भी पता है इसलिए बीजेपी ने 2017 के आंकड़ों का विश्लेषण कर चुनाव का माइक्रोप्लान तैयार किया है. इसके तहत फोकस उन 21 से ज़्यादा सीटों पर है, जहां बीजेपी को जीत हासिल नहीं हो पाई थी या फिर पांच फीसदी से भी कम मार्जिन से मिली थी.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि इन सीटों पर पार्टी स्पेशल ऑब्ज़र्वर नियुक्त करेगी. ऑब्ज़र्वर का काम अन्य प्रदेशों से आने वाले सीनियर लीडरों को सौंपा जाएगा. बीजेपी के इस प्लान को जानकार इस तरह देख रहे हैं कि पिछली बार से बेहतर नतीजों के लिए सत्तारूढ़ पार्टी हाथ पैर मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. सीटों के हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी का गणित और तैयारी की रणनीति को काफी हद तक समझा जा सकता है.

कौन सी हैं फोकस वाली सीटें?
साल 2017 में बीजेपी 13 सीटों पर चुनाव हारी थी. दो सीटों पर निर्दलीय जीते थे प्रीतम पंवार और राम सिंह कैड़ा. इनमें से कैड़ा भाजपा में शामिल हो चुके हैं. पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार को भी बीजेपी अपने पाले में ला चुकी है, लेकिन बाजपुर और नैनीताल सीट से यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में चले गए हैं. तो इन सीटों पर बीजेपी की स्थिति कमज़ोर है और माना जाता है कि आर्य का प्रभाव नैनीताल के आसपास कई सीटों पर है.

इनके अलावा, सोमेश्वर, लोहाघाट, किच्छा, खटीमा, लक्सर, पिथौरागढ़, गंगोलीहाट, प्रतापनगर विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां पार्टी पांच फीसदी से भी कम के मार्जिन से चुनाव जीती थी. सोमेश्वर सीट पर तो पार्टी सबसे कम 710 वोटों के ही अंतर से चुनाव जीती थी और यही सीटें पार्टी का जीत का गणित गड़बड़ा सकती हैं.

तो क्या हो सकती है स्ट्रैटजी?
मोटे तौर पर इन 21 सीटों ने पार्टी की टेंशन बढ़ाई हुई है. पार्टी इन सीटों पर हाई अलर्ट की स्थिति में है. यहां विपक्षी खेमे में तोड़-फोड़ समेत जीत के सारे फंडे आज़माए जा सकते हैं. टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारना हो या फिर विपक्ष के जिताऊ कैंडिडेट को पार्टी में लाना हो, पार्टी बेझिझक इन सीटों पर किसी भी प्रयोग से कतराने के मूड में नहीं है.

Tags: Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand BJP, Uttarakhand news, Uttarakhand politics



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