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Brith Anniversary: हरिवंश राय बच्चन ने ‘अग्निपथ’ लिख अमिताभ बच्चन के करियर को पहुंचाया था बुलंदी पर

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हरिवंश राय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan) की आज जयंती (Harivansh Rai Bachchan Birth Anniversary) है. हिंदी के प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय का जन्म 27 नवंबर 1907 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बाबूपट्टी गांव के एक कायस्थ परिवार में हुआ था. हरिवंश राय बच्चन का पहला विवाह 1926 में 19 साल की उम्र में श्यामा से हुआ था, जो टीबी की बीमारी से असमय काल के गाल में समां गई थीं. श्यामा के निधन के 5 बरस बाद दूसरी शादी तेजी बच्चन से हुई जो रंगमंच और गायन से जुड़ी थीं. तेजी और हरिवंश के दो पुत्र हुए अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और अजिताभ बच्चन. अजिताभ तो लंबे समय से चर्चा में नहीं हैं लेकिन सदी के महानायक बन चुके अमिताभ बच्चन अभी भी फिल्म इंडस्ट्री से लेकर टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय हैं. अमिताभ के करियर को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने में उनके बाबू जी का भी बड़ा योगदान है.

हरिवंश राय बच्चन ने कई कालजयी रचनाएं लिखीं. साहित्य अकादमी, पद्मभूषण सम्मान हासिल करने वाले  प्रसिद्ध कवि ने एक कहानी ‘अग्निपथ’ लिखी थी. शायद ही लोगों को पता होगा कि 1990 में आई सुपरहिट फिल्म ‘अग्निपथ’ हरिवंश राय बच्चन की कहानी पर ही आधारित है. इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन को बुंलदी पर पहुंचाया और इसके डायलॉग्स इतने हिट हुए कि आज भी अक्सर दोहराए जाते हैं. विजय दीनानाथ चौहान का रोल प्ले कर अमिताभ ने जबरदस्त पॉपुलैरिटी हासिल की. यूं तो अमिताभ के लंबे फिल्मी करियर में कई लोकप्रिय संवाद रहे हैं लेकिन अमिताभ के इस फिल्म के बोले संवाद की बराबरी आज तक कोई नहीं कर पाया. अमिताभ ने जिस अदा और आवाज में बोला ‘पूरा नाम-विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम- सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उमर-36 साल…’ इसे भला कोई कैसे भूल सकता है.

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अमिताभ बच्चन की सफलता में बाबू जी का बड़ा हाथ है.

इसके अलावा हरिवंश राय बच्चन की ‘कालजयी रचना ‘मधुशाला’ की बात ना की जाए तो कहानी पूरी नहीं होती है. इस कविता की पक्तियां आज भी साहित्यप्रेमियों को कंठस्थ हैं. कहते हैं कि जब हरिवंश ने इस रचना को कलमबद्ध किया था तो उस समय उनकी उम्र 27-28 साल की थी. खुद अमिताभ बच्चन ने इसे अपने स्वर में लयबद्ध कर इसकी ख्याति को और बढ़ा दिया है. एक बार मीडिया को दिए इंटरव्यू में बिग बी ने कहा था कि ‘जब भी मैं खुद को मुश्किल या हताशा में पाता हूं तो मधुशाला की पक्तियां गुनगुनाने लगता हूं’.

(फोटो साभार: amitabhbachchan/Instagram)

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हरिवंश राय बच्चन ने ‘मधुशाला’ के अलावा ‘क्या भूलूं क्या याद करूं’, ‘नीड़ का निर्वाण’,’मधुकलश’ जैसी रचनाओं से हिंदी साहित्य को विश्व पटल पर ख्याति दिलाई थी. लिखने-पढ़ने के दौरान ही अपने नाम के आगे उपनाम बच्चन रख लिया था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की थी.

Tags: Amitabh bachchan, Birth anniversary, Harivansh rai bachchan



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