पंजाब : उद्योगपतियों व व्यापरियों पर मेहरबान हुई चन्नी सरकार, वैट के 40 हजार मामले रद्द
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चंडीगढ़. आगामी विधानसभा चुनाव (upcoming assembly elections) को देखते हुए पंजाब की चन्नी सरकार (Channi government) ने आजकल सभी वर्गों को सौगात देने के लिए अपना पिटारा खोल रखा है. इसी कड़ी में राज्य में व्यापार और उद्योग (trade and industry) को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार की तरफ से वित्तीय साल 2014-15, 2015-16 और 2016-17 से सम्बन्धित केंद्रीय बिक्री कर /वेल्यु एडिड टैक्स (वैट) (Value Added Tax VAT) के अधीन आते 48,000 से अधिक मामलों में से तकरीबन 40,000 मामलों को रद्द कर दिया गया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने लुधियाना में प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में इस फैसले का ऐलान किया था. कर (टैक्सेशन) विभाग के मुताबिक वित्तीय साल 2014-15 के बकाया तकरीबन 8500 मामलों का मूल्यांकन मुकम्मल कर लिया है और व्यापारियों को टैक्स देनदारी का सिर्फ 30 फीसद जमा करवाने के लिए कहा गया है. विभाग ने इन मामलों का निपटारा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
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व्यापारियों को राहत, उद्योग को पूर्ण सहयोग
व्यापारियों को और राहत देते हुए कर विभाग ने उनको मौजूदा वित्तीय साल के दौरान उपरोक्त टैक्स देनदारी का सिर्फ 20 प्रतिशत जमा करवाने के लिए कहा है और बाकी 80 प्रतिशत अगले वित्तीय साल तक जमा करवाना होगा. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि पंजाब सरकार राज्य में कारोबार को और आसान बनाने के लिए उद्योग समर्थक माहौल सृजन करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है. सरकार का व्यापार और उद्योग को पूर्ण सहयोग पंजाब को देश भर में अग्रणी राज्य के तौर पर उभारने में सहायक होगा.
बड़े स्तर पर निवेश करने के लिए प्रयास जारी
उन्होंने कहा कि यह उद्योग-समर्थकी पहलकदमी उद्योगपतियों को राज्य में बड़े स्तर पर निवेश करने के लिए उत्साहित करने के साथ साथ उनके मनोबल को बढ़ाएगी. प्रवक्ता ने आगे बताया कि कर विभाग ने जीएसटी और वैट की बिना हाजिर हुए मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिसके अंतर्गत अब व्यापारियों और उद्योगपतियों को टैक्स अधिकारियों के आगे ख़ुद उपस्थित होने की ज़रूरत नहीं है.
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