उत्तराखंड

Char Dham Yatra Ends Today : शाम 6:45 पर बद्रीनाथ के कपाट बंद होंगे, 20 क्विंटल फूलों से सजा मंदिर

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नितिन सेमवाल
जोशीमठ. तय कार्यक्रम के अनुसार 20 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. इसी के साथ ही उत्तराखंड में स्थित चारों धामों की यात्रा संपन्न हो जाएगी क्योंकि केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट पहले ही 5 और 6 नवंबर को बंद हो चुके हैं. बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. शनिवार का शाम 6 बजकर 45 मिनट पर कपाट बंद होंगे. इस मौके के लिए बद्री विशाल के मंदिर का शृंगार 20 क्विंटल फूलों से किया गया है और चार धाम यात्रा के अंतिम दिन दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं.

कबसे और कैसे शुरू होगा कपाट बंद होने का कार्यक्रम?
चारों धामों में बद्रीनाथ ही इकलौता धाम है, जहां कपाट बंद होने का कार्यक्रम 4 दिन पहले से शुरू हो जाता है. आदिकेदारेश्वर के कपाट बीते मंगलवार को बंद होने के बाद से लगातार विधि विधान चल रहा है. शनिवार की शाम 4 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी और शाम 6:45 बजे संपन्न हो जाएगी. बद्री विशाल से उद्धव, कुबेर पांडुकेश्वर के लिए रवाना होंगे. वहीं, शीतकाल के लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजित कर दिया जाएगा. और शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ के लिए रवाना हो जाएगी.

धाम में तैयारियां ज़ोरों पर, उत्साह भी
बद्रीनाथ धाम मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. कड़ाके की ठंड के बावजूद कपाट बंद होने के साक्षी बनने के लिए हज़ारों की संख्या में तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच रहे हैं. शनिवार दोपहर तक हज़ारों यात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच सकते हैं. चार धाम यात्रा के संपन्न होने के अंतिम दिन बद्रीनाथ में रोशनी और ढोल ताशे बजाने आदि की व्यवस्था भी की गई है. धूमधाम से पालकियां उठाने और जूलूस निकाले जाने की तैयारी है.

लक्ष्मी जी को​ दिया गया न्यौता
16 नवंबर से भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. इसी क्रम में शुक्रवार को कपाट बंद होने की प्रक्रिया के चौथे दिन धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी सत्य प्रकाश चमोला वेदपाठी ने माता लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान होने के लिए निमंत्रण दिया. आज लक्ष्मी भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने से पूर्व गर्भगृह में विराजमान की जाएंगी और पूरे शीतकाल के दौरान वह वहीं रहेंगी.

Tags: Badrinath Dham, Badrinath News, Char Dham Yatra, Uttarakhand news



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