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COVID-19: हैदराबाद में बनी जॉनसन एंड जॉनसन वैक्‍सीन को मिली मंजूरी, 1 करोड़ डोज निर्यात करने की तैयारी

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नई दिल्‍ली. अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson And Johnson) की कोरोना वायरस की वैक्‍सीन (Coronavirus Vaccine) को भारत में बना रही हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई (Biological E) को बड़ी सफलता मिली है. News18 को मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के कसौली में स्थित सेंट्रल ड्रग्‍स लैबोरेटरी (CDL) की ओर से पिछले हफ्ते इस वैक्‍सीन (Corona Vaccine) के 6 बैच को मंजूरी दी गई है. इसमें 1 करोड़ से अधिक डोज शामिल हैं. अब वैक्‍सीन के इन डोज को निर्यात करने की तैयारी है.

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अफसर ने News18 को बताया कि कसौली स्थित सीडीएल की ओर से वैक्‍सीन की डोज को मंजूरी दी गई है. अब हैदराबाद की कंपनी की ओर से इन डोज को निर्यात करने की इच्‍छा जताई गई है. कंपनी की ओर से दाखिल फॉर्म 28 के अनुसार ये डोज निर्यात की जाएंगी. उनका कहना है कि अब ड्रग्‍स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से जब भी सीडीएल की रिपोर्ट और कंपनी के आवेदन को मंजूरी मिलती है, वैसे ही ये निर्यात की जा सकेंगी.

यह कदम सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से क्‍वाड सम्‍मेलन में की गई घोषणा के बाद सामने आया है. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था कि क्‍वाड वैक्‍सीन साझेदारी के तहत भारत अक्‍टूबर के अंत तक जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वैक्‍सीन की 80 लाख डोज उपलब्‍ध कराएगा. उनका कहना था कि भारत समेत सभी क्‍वाड देश इसके लिए पैसों का भुगतान करेंगे.

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News18 से इससे पहले जानकारी दी थी कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की इस वैक्‍सीन के बैच डैटा लंबित होने के कारण सीडीएल की मंजूरी के लिए फंसे थे. अफसर ने कहा कि आखिरकार कंपनी की ओर से अक्‍टूबर के अंत में लंबित डेटा दाखिल कर दिया गया था. शुक्रवार को डीसीजीआई को सीडीएल की ओर से इसकी रिपोर्ट प्राप्‍त हुई है.

जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया के प्रवक्ता ने News18 को बताया कि वैक्सीन डिलीवरी के समय पर अटकलें लगाना जल्‍दबाजी है. हमारी टीमें हमारी कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति के लिए हमारी मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षमताओं को विकसित करने और व्यापक रूप से सक्रिय करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. हमारा मानना ​​है कि बायोलॉजिकल ई हमारी वैश्विक कोविड-19 वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा.’

इससे पहले जब सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था, तो यह उम्मीद की जा रही थी कि बायोलॉजिकल ई द्वारा निर्मित वैक्सीन का घरेलू स्तर पर इस्‍तेमाल किया जाएगा या आंशिक रूप से अमेरिका को निर्यात किया जा सकता है.

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