दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से बढ़ेगी उत्तराखंड की रफ्तार, NGT ने किन शर्तों के साथ दी है मंजूरी?
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नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक बनने वाले एक्सप्रेसवे को राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी NGT ने मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने वाला यह एक्सप्रेसवे राज्य की आर्थिक रफ्तार को बढ़ाएगा, साथ ही दिल्ली से देहरादून तक की दूरी को महज 2.30 से 3 घंटे तक समेट देगा. पिछले हफ्ते ही एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दे दी. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मंजूरी देने के साथ ही NGT ने कुछ शर्तें भी रखी हैं. अधिकरण ने 12 सदस्यों की समिति बनाई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि इस हाईस्पीड रोड के निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा सही तरीके से डिस्पोज किया जाए. एक्सप्रेसवे की वजह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे या गणेशपुर-देहरादून सड़क (एनएच-72ए) पर वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बाधित नहीं हो.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ.नागिन नंदा की पीठ ने इस एक्सप्रेसवे को मंजूरी देने से पहले महत्वपूर्ण टिप्पणी की. इन्होंने कहा कि यह मानना मुश्किल है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को वन मंजूरी देने के दौरान विवेक का इस्तेमाल नहीं किया होगा. NGT ने कहा कि एक बार प्रोजेक्ट की मंजूरी देने के बाद इसके परिणामस्वरूप दूसरे चरण में पेड़ काटने की मंजूरी देनी होती है. हालांकि, हम देख सकते हैं कि पारदर्शिता के लिए दूसरे चरण/पेड़ काटने की मंजूरी, पहले चरण के बाद दी जानी चाहिए और इसे तुरंत वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए.
NHAI को सौंपा निगरानी का काम
एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की निगरानी का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI को सौंपा है. एनजीटी ने प्राधिकरण से कहा है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल हो, इससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, NHAI इसके लिए स्वतंत्र निगरानी प्रणाली बनाए. इस निगरानी के लिए NGT ने 12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल बनाया है. इसकी अध्यक्षता उत्तराखंड के मुख्य सचिव करेंगे, इसमें भारतीय वन्य जीव संस्थान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य को शामिल किया गया है.
PM मोदी ने दिसंबर में रखी थी आधारशिला
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को उत्तराखंड में 18,000 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों की शुरुआत की थी, जिसमें दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी गई. बताया गया कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड के लिए यह एक्सप्रेसवे बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस हाईस्पीड रोड से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में बूम आएगा. वहीं, दिल्ली से देहरादून तक की अभी 6 घंटे में तय होने वाली दूरी घटकर सिर्फ ढाई घंटे की रह जाएगी.
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Tags: Economic growth, NHAI, Roads
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