सिर से खून निकलने के बाद भी गाना गाते रहे थे Manoj Tiwari, भक्ति एलबम से रातों रात बदली थी एक्टर की किस्मत
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भोजपुरी के महानायक कहे जाने वाले एक्टर मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) उत्तर प्रदेश के वाराणसी से ताल्लुक रखते हैं. वो आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. पहले उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक सिंगर से की. इसके बाद वो एक्टर बने और ‘ससुरा बड़ा पईसावाला’ (Sasura Bada Paisawala) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म दी. अब फिल्मों से दूर राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वो बीजेपी (BJP) पार्टी के नेता हैं और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. यहां तक का सफर तय करना उनके लिए आसान नहीं था. एक समय था जब वो गायिकी में इतना लीन थे कि सिर से निकलता खून देखकर भी वो नहीं रुके और रात भर गाते रहे थे.
मनोज तिवारी (Manoj Tiwari life Story) आज जो कुछ भी हैं वो अपनी मेहनत के दम पर हैं. उन्होंने संगीत, एक्टिंग और राजनीति में नया मुकाम हासिल किया है. एक्टर ने अपने करियर की शुरुआत शीतला घाट और अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर से ही की थी. एक बार महावीर मंदिर के एक कार्यक्रम में ही उन्हें गाना गाना था और इस दौरान गाना गाते समय उनके सिर से खून निकलने लगा था. इसके बावजूद भी वो नहीं रुके और बिना डरे सहमे गाते रहते रहे. एक इंटरव्यू में उनके करीबी दोस्त द्वारा इस किस्से के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि (Manoj Tiwari Albums) ‘1993-94 में सावन के समय नागपंचमी के दिन महावीर मंदिर पर जगराता चल रहा था. हर साल की तरह ही इस बार भी उन्हें ही प्रस्तुती देनी थी. उनके सिर पर चोट लगी थी, जिससे गाना गाते समय ही खून निकलने लगा.’
वो आगे बताते हैं कि ‘मनोज तिवारी उस समय गाना गाने (Manoj Tiwari gaana) की धुन में इतना बिजी थे कि खून भले निकलता रहा, लेकिन उन्होंने गाना गाना बंद नहीं किया.’ बताया जाता है कि उनकी लगन को देखते हुए ही उसके बाद उन्हें फिल्मों से गाना गाने के ऑफर मिलने लगे.
भक्ति एलबम से रातों रात बदली थी मनोज की किस्मत
मनोज तिवारी की किस्मत भक्ति एलबम (Manoj Tiwari Bhakti Albums) से बदली थी. 1991 में मनोज को पहली बार गंगा आरती की प्रस्तुति के लिए बुलाया गया था. उस समय उनको कोई प्लेटफॉर्म नहीं मिला था. 1995 तक उन्हें छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गाने के ऑफर आने लगे थे. उसी समय उनका एलबम ‘शीतला घाट पे काशी में’ का गीत ‘बाड़ी शेर पर सवार’ मार्केट में आया और तहलका मच गया. उनके इस गाने ने काफी लोकप्रियता बटोरी. इससे उन्हें पहचान मिली और कई भक्ति एलबमों से ऑफर मिले और आज एक सुपरस्टार एक्टर और राजनेता के रूप में वो अपनी पहचान बना चुके हैं. एक्टर शीतला घाट की खुद पर बड़ी कृपा मानते हैं. ऐसे में वो यहां होने वाले महोत्सव में जरूर शामिल होने वाराणसी आते हैं.
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