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एक्सपर्ट की भविष्यवाणी- 6 महीने में फ्लू जैसी बीमारी बनकर रह जाएगा कोरोना

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस की आगामी लहरों (Covid-19 Waves) को लेकर इस वक्त पूरी दुनिया में चिंता है. कई पश्चिमी देश डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के कारण बुरी तरह कोरोना के प्रकोप से जूझ रहे हैं. लेकिन इस बीच भारत के एक बड़े एक्सपर्ट ने लोगों के लिए राहतभरी खबर दी है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजीज कंट्रोल (NCDC) के डायरेक्टर सुजीत सिंह का कहना है कि अगर कोई नया वरिएंट भी सामने आता है तो वो अकेले कोरोना की तीसरी लहर नहीं ला सकता. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगले 6 महीने के भीतर कोरोना पैंडेमिक से एंडेमिक में तब्दील हो जाएगा.

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने भी कहा था कि भारत में कोरोना की स्थिति स्थानिक संक्रामक रोग यानी एंडेमिक की बनने लगी है, मतलब एक ऐसी स्थिति जहां हल्के और मध्यम स्तर के संक्रमण का फैलाव हो. इस साल की शुरुआत में नेचर पत्रिका में कोरोना वायरस पर लिखे अपने एक लेख में वैज्ञानिकों ने कहा था कि कोविड संक्रमण धीरे-धीरे संक्रामक रोग में बदल रहा है, हालांकि वैश्विक आबादी के कुछ हिस्सों में इसका फैलाव जारी रहेगा.

क्या है एंडेमिक का मतलब
एंडेमिक का मतलब है कि एक ऐसी बीमारी, जो हमेशा मौजूद रहे. जाने माने वॉयरोलॉजिस्ट डॉक्टर शाहिद जमील के मुताबिक इन्फ्लुएंजा भी एक स्थानिक बीमारी है. डॉक्टर जमील के मुताबिक, ‘सिर्फ उन वायरस को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है, जिनके वायरस जानवरों में नहीं पाए जाते हैं. चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों के वायरस मानव से फैले हैं, लेकिन रिंडरपेस्ट जानवरों का वायरस है. इसका मतलब है कि वायरस कुछ जानवरों में हमेशा मौजूद रहता है. जैसेकि चमगादड़, ऊंट और बिल्लियां, और एक बार मानव शरीर में इम्युनिटी का स्तर कमजोर पड़ने पर ये वायरस दोबारा से फैल सकते हैं.’

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