मिसाल: सिंचाई के लिए 1 KM दूर से लाया पानी, अब सब्जी की खेती कर सालाना कर रहे लाखों की कमाई
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जावेद खान
रामगढ़. अगर हौसला हो तो पहाड़ को भी राई बनाकर रास्ता निकाला जा सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है झारखंड के रामगढ़ जिले के बड़कागांव प्रखंड के किसान चंद्रदेव. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने बंजर जमीन को भी हरा-भरा कर दिया. आज के दिन वह सब्जियों और फलों की खेती से सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. तीन बेटियों और एक बेटे को उच्च शिक्षा भी दिलवा रहे हैं, ताकि वे तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकें. चंद्रदेव अपनी मेहनत की बदौलत क्षेत्र में आदर्श किसान की पहचान बना चुके हैं.
दरअसल, 5 एकड़ बंजर जमीन पर सिंचाई की सुविधा नहीं थी. चंद्रदेव ने 1 किलोमीटर दूर से पानी लाकर पहले खेतों को सींचा और उसके बाद खेती करनी शुरू की. आज उसी बंजर जमीन पर विभिन्न तरह की फसलें लहलहा रही हैं. चंद्रदेव सालाना 4 से 5 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. बड़कागांव प्रखंड के आदिवासी बहुल जरजरा के तेतरिया में बंजर पड़े 5 एकड़ जमीन पर सब्ज़ी समेत अन्य फसलों की खेती कर चंद्रदेव आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन चुके हैं.
संतान को दिलवा रहे ऊंची शिक्षा
चंद्रदेव खेती की कमाई से 3 बेटियों और 1 बेटे को उच्च शिक्षा दे रहे हैं. बेटी नर्सिंग का कोर्स कर रही है, जबकि बेटा एमएससी की पढ़ाई कर रहा है. चंद्रदेव की अन्य 2 बेटियां अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. चंद्रदेव सिर्फ सब्ज़ी की खेती से 4-5लाख रुपए की आमदनी प्रतिं वर्ष कर रहे हैं. सब्जी के साथ ही चंद्रदेव गन्ना, धान, प्याज, गेंहू समेत आम, अनार, पपीता जैसे फलों की भी खेती कर रहे हैं. आसपास के व्यापारी सीधे उनके खेतों में पहुंच कर कृषि उत्पाद खरीदते हैं.
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नहीं थी सिंचाई की सुविधा
चंद्रदेव ने जब खेती करने की ठानी तो यहां पानी की व्यवस्था नहीं थी. उन्होंने पास में ही स्थित जरजरा नाला से पानी की व्यवस्था की. बाद में पैसा होने पर जरजरा नाले से अपनी ज़मीन तक (लगभग 1 किलोमीटर) तक पाइप बिछा कर सिंचाई की मुकम्मल व्यवस्था कर ली. आज चंद्रदेव की मेहनत का नतीजा है कि जिस जमीन पर कभी कंकड़-पत्थर और घास के अलावा कुछ नहीं था, वहां आज हरियाली है. उसी जमीन पर फसलें लहलहा रही हैं. खेती में उनकी पत्नी और स्कूल के बाद उनके बच्चे भी सहयोग करते हैं. खेती से हुई कमाई के बल पर उन्होंने सीमेंट की दुकान भी खोल ली है. खेती से फुर्सत मिलने पर वह दुकान भी चलाते हैं और अतिरिक्त कमाई करते हैं.
सब्जी की खेती के साथ बागवानी
किसान चंद्रदेव महतो ने बताया कि सब्ज़ी के साथ-साथ अब बागवानी भी कर रहे हैं. आम, अनार, पपीता और अमरूद के पेड़ लगाए हैं. चंद्रदेव बताते हैं कि खेती अगर वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो आज भी फायदे का सौदा है. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी खेती करने से भाग रही है, उन्हें इस ओर लाने के लिए सरकार को लोन समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है.
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Tags: Jharkhand news, Ramgarh news
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