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Harak Singh Rawat: हरक सिंह रावत का विवादों से रहा है पुराना नाता, यौन शोषण से लेकर घोटाले तक के लग चुके आरोप

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हल्द्वानी. अपने राजनीतिक करियर में कई पार्टियां बदलने वाले हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) और विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है. हरक सिंह रावत एक बार फिर बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने को लेकर चर्चा में हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Elections) से ठीक पहले हरक बीजेपी को गच्चा देकर कांग्रेस (Uttarakhand Congress) का दामन थामने जा रहे हैं. हालांकि बीजेपी (Uttarakhand BJP) ने इस पहले ही उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. इसके साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उन्हें मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया. वर्ष 2016 में कांग्रेस से बगावत करके बीजेपी में शामिल हुए हरक सिंह रावत अपने बगावती तेवरों के लिए हमेशा से ही मशहूर रहे हैं. साथ ही कई निजी मामलों के लेकर भी विवादों में रहे हैं, जिनमें से कई मामलों ने खूब चर्चा बटोरी.

त्रिवेंद्र सरकार में कर्मकार कल्याण बोर्ड का विवाद
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में श्रम मंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत का नाम कर्मकार कल्याण बोर्ड के घोटाले से जुड़ा. आरोप है कि हरक इस बोर्ड में अपने मन मुताबिक नियुक्तियां कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ श्रमिकों को दी जाने वाली सामग्री में भी जबरदस्त घोटाला सामने आया. इन आरोपों के चलते त्रिवेंद्र रावत ने हरक सिंह को कर्मकार कल्याण बोर्ड के पद से हटा दिया था. बाद में शमशेर सत्याल हो इसका अध्यक्ष बनाया गया. हरक पर श्रम विभाग द्वारा कराए जा रहे कामों को अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के एनजीओ को देने का भी आरोप लगा. यह मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है.

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त्रिवेंद्र रावत को लेकर दिया विवादित बयान
हरक सिंह रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उन्हें गधा तक करार दे दिया. हरक सिंह ने ढेंचा बीज घोटाले में त्रिवेंद्र सिंह रावत को बचाने का दावा करते हुए कहा था कि गधा ढेंचू-ढेंचू करता है. इस मसले पर हरक और त्रिवेंद्र के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली थी. हालांकि बाद में बीजेपी संगठन ने दखल देकर मामला शांत कराया.

पुष्कर सिंह धामी सरकार पर लगाया था अवैध खनन का आरोप
हरक सिंह रावत राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार में खुद वन मंत्री थे. हालांकि इसके बावजूद अपनी ही सरकार पर अवैध खनन का आरोप लगा डाला था.

सूबे के नेताओं को बताया था गधा
हरक सिंह रावत ने तीरथ सिंह रावत सरकार में मंत्री रहते हुए अपने बयान से राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया था. हरक सिंह ने कह डाला था कि राज्य को गधे नेता मिले, जो 21 सालों में राज्य का विकास नहीं कर पाए.

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हमेशा रखा बगावती तेवर
मार्च 2016 में हरीश रावत सरकार में मंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत ने बगावत का झंडा बुलंद कर लिया था. इस दौरान 9 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी, जिसमें हरक सिंह रावत की भूमिका सबसे अहम थी. हालांकि इस प्रकरण के बाद हरक सिंह समेत अन्य विधायकों की सदस्यता तक चली गई थी.

हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन में भी आया नाम
26 मार्च 2016 को पूर्व सीएम हरीश रावत का स्टिंग सामने आया था, जिसमें विधायक मदन बिष्ट का भी स्टिंग शामिल था. इस स्टिंग को कराने में हरक सिंह रावत का नाम सामने आया था.

यौन शोषण का भी लगा आरोप
साल 2014 में मेरठ की रहने वाली एक महिला ने हरक सिंह रावत पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. हरक सिंह रावत के खिलाफ दिल्ली के सफदरजंग थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था. हालांकि बाद में आपसी सहमति के आधार पर मामला खत्म हो गया.

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला
2013 में विजय बहुगुणा सरकार के दौरान हरक सिंह रावत पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का भी आरोप लगा. तब विपक्षी बीजेपी ने हरक सिंह रावत को खूब घेरा था. हालांकि बाद में सीएम विजय बहुगुणा के दखल के बाद मामला शांत हुआ.

मंत्री बनने से पहले दिया था विवादित बयान
हरक सिंह रावत वर्ष 2012 में कांग्रेस के बहुमत में आते ही मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे थे, लेकिन आलाकमान उन्हें मंत्री बनाने को तैयार नहीं था. जिसके बाद हरक सिंह रावत ने कहा था कि मंत्री पद उनके जूते की नोक पर रहता है. साथ ही मंदिर जाकर मंत्री न बनने तक की कसम खा ली थी. हालांकि काफी विवादों और नाराजगी के बाद हरक सिंह रावत राज्य की विजय बहुगुणा सरकार में मंत्री बन गए.

2003 का जैनी प्रकरण
2003 में एनडी तिवारी की सरकार में हरक सिंह का नाम जैनी प्रकरण के कारण सुर्खियों में आया. इस चर्चित जैनी प्रकरण में हरक सिंह ऐसे घिरे कि उन्हें मंत्री पद तक गंवाना पड़ा. हरक सिंह पर जैनी नाम की महिला ने उसके बच्चे के पिता होने का दावा किया था. हरक सिंह पर काम दिलाने के नाम पर उसका शारीरिक शोषण का आरोप लगा था. इस मामले में डीएनए टेस्ट भी कराया गया, लेकिन डीएनए रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं हुई. बाद में मामला रफादफा हो गया.

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Tags: Harak singh rawat, Uttarakhand Assembly Elections, Uttarakhand BJP, Uttarakhand Congress, Uttarakhand election

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