UN में तुर्की राष्ट्रपति ने फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत ने ऐसे दिया मुंहतोड़ जवाब
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संयुक्त राष्ट्र. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन (Turkey President Erdogan) एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा (Kashmir Issue) उठाया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nation General Assembly) में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम पार्टियों के बीच बातचीत के जरिए और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के ढांचे के भीतर 74 वर्षों से कश्मीर में चल रही समस्या को हल करने के पक्ष में खड़े हैं. हालांकि इस बार उन्होंने कश्मीर का जिक्र करते हुए दोनों देशों के बीच बातचीत से हल निकालने की बात कही है. लेकिन दो साल पहले उन्होंने कश्मीर को एक ज्वलंत मुद्दा करार दिया था.
राष्ट्रपति एर्दोआन के बयान जबाव में विदेश मंत्री ने साइप्रस के संबंध मे ट्वीट किया है. साइप्रस के विदेश मंत्री निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स से मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया है कि सभी को साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना चाहिए. बता दें कि तुर्की ने साइप्रस के बड़े हिस्से पर कई दशक से अवैध कब्जा जमाया हुआ है. इस मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव भी पारित किया हुआ है, लेकिन तुर्की इसे नहीं मानता है.
तुर्की राष्ट्रपति ने क्याें किया कश्मीर का जिक्र
दरअसल, 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने को कहा था. तब मलेशिया और तुर्की सहयोग को आगे और उन्होंने दोनों ने भारत के इस कदम की आलोचना की थी.
तुर्की राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर की स्थिति को एक ‘ज्वलंत मुद्दा’ बताया था और कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को खत्म करने की आलोचना की थी. उन्हाेंने 2019 में कहा था कि स्वीकृत प्रस्तावों के बावजूद कश्मीर अभी भी घिरा हुआ है और 80 लाख लोग कश्मीर में फंस गए हैं. उस वक्त पीएम मोदी ने तुर्की की एक निर्धारित यात्रा रद्द कर दी थी.
जयशंकर ने साइप्रस को लेकर किया ट्वीट
एस जयशंकर ने साइप्रस के अपने समकक्ष निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया. जयशंकर ने क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बुधवार को ट्वीट किया कि हम आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. सभी को साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना चाहिए.
Delighted to meet FM @Christodulides of Cyprus.
Working to take our economic ties forward.
Appreciated his regional insights.
Important that relevant UN Security Council resolutions in respect of Cyprus are adhered to by all. pic.twitter.com/pZXPefT9Sj
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2021
भारत का क्या कहना है
भारत का कहना है कि 1972 के शिमला समझौते के तहत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है और इसका अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं किया जाना चाहिए.
उइगर मुस्लिमों का भी किया जिक्र
मंगलवार को अपने भाषण में, एर्दोगन ने चीन में उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक के सामने आने वाली समस्याओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि चीन की क्षेत्रीय अखंडता के परिप्रेक्ष्य में, हम मानते हैं कि मुस्लिम उइगर तुर्कों के मूल अधिकारों के संबंध में और अधिक प्रयास प्रदर्शित करने की आवश्यकता है. उइगर मुस्लिमों को शिविरों में रखा जा रहा है और चीन के बहुमत से अभिभूत उनके धर्म और उनकी संस्कृति और भाषा का अभ्यास करने पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है.
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