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‘जान है, तो जहान है’, जानें ओमिक्रॉन संकट के बीच चुनावों पर क्या बोले पूर्व आयुक्त ओपी रावत

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नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) होने हैं. अब कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) के खतरे को देखते हुए चुनावों को आगे बढ़ाने और रैलियों पर रोक जैसी मांगें की जा रही हैं. हालांकि, इस बात पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत (OP Rawat) का कहना है कि आगामी चुनावों को टालने की उठ रही मांगों की जांच की जानी चाहिए.

न्यूज18 में प्रकाशित लेख में रावत ने कहा कि भारत में कोविड नियमों के पालन पर चिंता जाहिर की. उन्होंने लिखा, ‘लेकिन भारत में परेशान करने वाली बात यह है कि मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग, बंद जगहों पर बड़े समारोहों से बचने जैसी कोविड नियमों का अनुपालन नजर नहीं आता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह संक्रमण की सुनामी ला सकता हैं, खासतौर से बच्चों में और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ा सकता है, क्योंकि बच्चों के लिए हमारा टीकाकरण अभियान अभी शुरू होना बाकी है.’

रावत ने लिखा कि इस पृष्ठभूमि में और चुनाव आयोग की तरफ से तय किए गए कोविड नियमों के पालन के चलते हमें कुछ वर्गों की चुनाव को टालने की मांग का परीक्षण करना चाहिए. चुनाव टालने को लेकर उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग को सबूतों के साथ इस बात पर पुख्ता होना चाहिए कि वह वाकई आपातकाल था और बगैर लोगों की जान को जोखिम में डालकर और खासतौर से बच्चों को बचने योग्य कोविड संक्रमण के जोखिम… में डाले बगैर चुनाव नहीं कराए जा सकते थे.’

रावत ने चुनाव आयोग की तरफ से जनसभाओं, प्रचार रैलियों, चुनाव और मतगणना व्यवस्थाओं को लेकर तैयार किए गए आसान नियमों की तारीफ की, लेकिन चुनाव अभियान में इनके अनुपालन पर असंतुष्टि जताई. उन्होंने कहा, ‘चुनाव अभियान के दौरान इन दिशानिर्देशों का अनुपालन संतोषजनक नहीं था.’ उन्होंने लिखा कि बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में 2020-21 में चुनावी रैलियों और जनसभाओं की टीवी रिपोर्ट्स को देखने के बाद निजी राय चौंकाने वाले हो सकते हैं.

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हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया है कि अलग-अलग राज्यों में मामलों के आंकड़े यह साफ बताते हैं कि चुनाव संबंधी गतिविधियों से चुनावी राज्यों में केस असामान्य रूप से नहीं बढ़े हैं. रावत ने लिखा, ‘बगैर चुनाव के भी महाराष्ट्र जून 2021 तक 60 लाख मामलों के साथ शीर्ष पर था. कर्नाटक (चुनाव नहीं थे) में 28 लाख, केरल में 29 लाख, तमिलनाडु में 24 लाख और दिल्ली (चुनाव नहीं थे) में 14 लाख से ज्यादा मामले. जून 2021 में पश्चिम बंगाल के आंकड़े 14 लाख पर थे.’

उन्होंने सावधान रहने और कोविड नियमों का पालन की सलाह दी है. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिखा, ‘जान है, तो जहान है वाली बात को हर समय मानना चाहिए.’ उन्होंने चुनाव आयोग के काम पर भरोसा जताया है. रावत ने लिखा, ‘ओमिक्रॉन के फैलने के जोखिम से बचने के लिए चुनाव के लिए वर्चुअल अभियान की मांग हैं. चुनाव आयोग को प्रचार के नए तरीकों की खोज के लिए मौके के तौर पर लेना चाहिए.’ उन्होंने उन लोगों पर खास ध्यान देने की बात कही है, जिनके पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या वर्चुअल दुनिया तक पहुंच नहीं है. साथ ही उन्होंने इस काम के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ विचार विमर्श की भी बात कही है.

Tags: Assembly elections, ECI, Op rawat

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