Jharkhand: 5 दशक से नक्सलवाद के मास्टरमाइंड रहे प्रशांत बोस से NIA और IB जल्द करेगी पूछताछ
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रांची. पिछले पांच दशकों से सीपीआई-माओवादी (CPI-Maoist) नक्सलियों के ऑपरेशन (Naxal Operation) के मास्टरमाइंड रहे प्रशांत बोस (Prashant Bose) उर्फ किशन दा को रिमांड में लेने के जाने बाद उससे पूछताछ का सिलसिला जारी है. झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) और आईबी के साथ-साथ बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की पुलिस भी उससे पूछताछ कर रही है. वहीं, आने वाले दिनों में सीबीआई, एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी प्रशांत बोस से पूछताछ कर सकती हैं. इसके अलावा वैसे राज्य जो नक्सल प्रभावित हैं वहां की पुलिस भी गिरफ्तार नक्सली लीडर प्रशांत बोस से पूछताछ करने झारखंड पहुंचेंगी.
74 वर्षीय प्रशांत बोस और उनकी पत्नी 57 वर्षीय शीला मरांडी के साथ उनके चार अन्य सहयोगियों को बीते बारह नवंबर को सरायकेला जिले में कांड्रा टोल ब्रिज के पास से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने सोमवार को इन दोनों को अदालत में पेश किया था जिसके बाद अदालत ने इन्हें सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था. गिरफ्तार पति-पत्नी को सोमवार की शाम कड़ी सुरक्षा के बीच रांची लाया गया था. झारखंड पुलिस के साथ आईबी और अन्य कई राज्यों की पुलिस लगातार इनसे पूछताछ कर रही है. आईजी अभियान अमोल विणुकांत ने बताया कि जिन राज्यों की पुलिस इंटेरोगेशन के लिए नहीं पहुंची है उनके साथ जानकारियां साझा की जा रही हैं.
लगभग 5 दशक से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय, 100 से ज्यादा केस दर्ज
प्रशांत बोस पर 100 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. कई राज्यों की पुलिस टीमें ऐसे सभी मुकदमों और नक्सली वारदातों की फाइलें लेकर रांची पहुंची हैं, ताकि हर मामले के बारे में प्रशांत से पूछताछ की जा सके. प्रतिबंधित माओवादी संगठन में प्रशांत बोस देश भर में दूसरे नंबर का लीडर है. इस संगठन द्वारा बीते पांच दशक में देश भर में अंजाम दिये गये लगभग सभी नक्सली वारदातों की साजिश रचने में प्रशांत बोस का हाथ शामिल रहा है. इसमें पुणे के पास भीमा कोरेगांव हिंसा मामला भी शामिल है.
प्रशांत बोस को सबसे पहले वर्ष 1974 में हजारीबाग जिले में गिरफ्तार किया गया था. लगभग दो वर्षों के बाद जेल से छूटने पर उसने बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सली संगठन के विस्तार में सबसे अहम रोल निभाया. पिछले साढ़े चार दशकों से वो इन राज्यों की पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए मोस्ट वॉन्टेड बना हुआ था.
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Tags: Jharkhand news, Naxal Movement, Naxal terror, Ranchi news
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