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Kisan Andolan: सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में किसान, 9 नवंबर को SKM की अहम बैठक

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सोनीपत. तीन कृषि कानूनों (Agriculture law) के विरोध में दिल्ली की सीमाओं (Delhi Border) पर सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. सरकार और किसान नेताओं के बीच 12 दौर की बातचीत (12 rounds of talks between government and farmer leaders) के बाद कोई भी बैठक दोनों के बीच में नहीं हुई है. 26 नवंबर को किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को 1 साल पूरा होने जा रहा है, इससे पहले 7 नवंबर को हरियाणा संगठनों की एक बड़ी बैठक और 8 नवंबर को पंजाब संगठनों की एक बड़ी बैठक होने जा रही है. इसके बाद 9 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (Sayunkt Kisan Morch) एक बैठक करने जा रहा है.

इस पर आज किसान नेता मनजीत राय ने कहा कि हम ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को रोकने की चर्चा पंजाब की बैठक में करेंगे और उसकी रूपरेखा 9 नवंबर को होने वाली बैठक में तय की जाएगी. केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब से शुरू हुआ किसान आंदोलन 24 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमा पर पहुंच गया. किसान पंजाब से यह कहकर निकले थे कि वह दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में सरकार को घेरेंगे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने 26 नवंबर 2020 को किसानों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर ही रोक दिया.

सरकार और किसानों के बीच लगा है डेडलॉक 

जिसके बाद किसान नेताओं ने दिल्ली की सीमाओं पर ही अपने आंदोलन को चलाने का फैसला लिया, लेकिन इसी बीच सरकार और किसान संगठनों के बीच में 12 दौर की एक लंबी वार्तालाप भी हुई. 12 दौर की बातचीत के बाद सरकार और किसानों के बीच हुए वार्तालाप पर एक डेडलॉक लगा हुआ है, 26 नवंबर को किसान आंदोलन का 1 साल पूरा होने जा रहा है, जिसके चलते किसानों के अलग-अलग संगठन इस किसान आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बना रहे हैं, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और यह तीनों कृषि कानून वापस हो.

आज पंजाब के एक बड़े किसान नेता मनजीत राय ने बयान देते हुए कहा कि अब किसान आंदोलन को 1 साल पूरा होने जा रहा है जिसके चलते हम अलग अलग तरह की रणनीति बना रहे हैं. 7 तारीख को हरियाणा के संगठन अपनी बैठक कर रहे हैं और 8 नवंबर को पंजाब के संगठन अपनी बैठक कर रहे हैं. 9 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें दोनों प्रदेशों के संगठन अपनी अपनी बातें रखेंगे ताकि उन पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सके,

जैसे-जैसे आंदोलन बढ़ रहा है सरकार हमारी बातें मान रही: मनजीत राय 

हालांकि बाद किसान नेता ने कहा कि मेरे निजी बयान है कि जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ रहा है सरकार हमारी बातें नहीं मान रही है तो हम पंजाब की बैठक में यह भी चर्चा करेंगे कि क्यों ना अब केएमपी और केजीपी को पूर्ण तरीके से अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया जाए, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके, उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी गिरावट पर बोलते हुए कहा कि फीस 35 से 40 रुपय दाम बढ़ाकर पांच और 10 रुपये कम कर देना यह नाइंसाफी है.

सरकार को चाहिए कि उन द्वारा लगाया गया टैक्स इन से हटा दिया जाए, अभय सिंह चौटाला के द्वारा दोबारा इस्तीफा दिए जाने वाले बयान पर कहा कि द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद दोबारा चुनाव होंगे जिससे सरकार और देश पर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा इसलिए हम चाहते हैं कि वह इस्तीफा न दें बल्कि किसान आंदोलन का समर्थन करते रहे.

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