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मारिया रेसा, दामित्री मुरातोव को शांति के लिए नोबेल प्राइज, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयास के लिए मिला सम्मान

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स्टॉकहोम. पत्रकार मारिया रेसा (Maria Ressa), दामित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) को शांति के लिए इस साल का नोबेल पीस प्राइज 2021 (Nobel Peace Prize) दिया गया है. रेसा को फिलीपींस और दामित्री को रूस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयासों के लिए संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया है. कमेटी ने दोनों पत्रकारों को पूरी पत्रकार बिरादरी का प्रतिनिधि माना है. दोनों पत्रकारों को इस बार 329 प्रतिभागियों में से चुना गया है.

रेसा न्यूज साइट Rapple की को-फाउंडर हैं. उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के जरिए फिलीपींस में सत्ता के दुरुपयोग काे बेनकाब किया, जिसके लिए उनकी सराहना की गई. कमेटी ने बताया कि मुराताेव स्वतंत्र अखबार नोवाजा गजेटा के को-फाउंडर हैं और बीते 24 साल से एडिटर इन चीफ हैं. उन्होंने रूस में तेजी से बदलती चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया है.

शांति का नोबेल पुरस्कार
आपको यह पता होगा कि नोबेल पुरस्कारों की घोषणा रॉयल स्वेडिश एकेडमी ऑफ साइंस (Royal Swedish Academy Of Science) करती है, लेकिन शांति का नोबेल पुरस्कार एक मात्रा ऐसा पुरस्कार है जिसकी घोषणा यह एकेडमी नहीं करती. शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा नार्वे की संसद द्वारा चुनी गई एक समिति करती है.

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भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कारों के लिए चार बार नामित किया गया था, लेकिन उन्हें कभी भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला. महात्मा गांधी को वर्ष 1937, 1938, 1939 और 1947 में नामित किया गया था.

क्या हैं नोबेल प्राइज?
इस पुरस्कार की शुरुआत नोबेल फाउंडेशन की ओर से 1901 की गई थी. ये पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है. उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने पिछले साल के दौरान मानव जाति को सबसे बड़ा फायदा पहुंचाया हो. ये पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दुनिया का सर्वोच्च पुरस्कार है. इसमें विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा और मोनेटरी अवार्ड दिया जाता है.

अल्फ्रेड नोबेल कौन थे?
डायनामाइट की खोज करने वाले अल्फ्रेड नोबेल एक वैज्ञानिक थे. उन्होंने लगभग 355 आविष्कार किए. दिसंबर 1896 में मौत से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया. उनकी इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी हो.

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