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mission-paani : सबके लिए स्‍वच्‍छता अभियान में स्‍मार्ट टॉयलेट हो सकते हैं गेमचेंजर

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नई दिल्‍ली. किसी भी देश में सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य पर संक्रामक रोग बहुत बड़ा बोझ होते हैं. बीतों सालों में भारत ने WASH (जल, स्वच्छता और स्वच्छता) में अहम प्रगति की है, लेकिन अभी भी सभी के लिए सुरक्षित पेयजल और स्‍वच्‍छता सुविधाओं को पहुंचाना बड़ी चुनौती बनी हुई है. भारत में खराब सार्वजनिक स्‍वच्‍छता, जिसका सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य पर सीधा प्रभाव पड़ता है, एक बड़ी चिंता का विषय है. पूरे देश में सार्वजनिक टॉयलेट (toilet) तक पहुंच की कमी बड़ी समस्‍या है. पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सार्वजनिक शौचालय की सुविधा गंदी और असुरक्षित है. वहीं मानक स्‍वच्‍छता और स्‍वच्‍छता प्रथाओं के बारे में जागरूकता की कमी के कारण ये और खराब स्थिति में हैं.

सरकार ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत स्‍वच्‍छता कवरेज की घोषणा की है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2 अक्‍टूबर 2019 तक 699 जिलों के लगभग 6 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्‍त घोषित किया गया था. इस अभियान लगभग 11 करोड़ शौचालय बनाए गए थे. 2014 में स्‍वच्‍छ भारत मिशन के शुरू होने के बाद से अक्‍टूबर 2019 तक पांच सालों में ग्रामीण क्षेत्र में करीब 60 करोड़ लोगों को कवर किया गया.

करीब आधे ग्रामीण परिवारों के पास ही टॉयलेट की सुविधा 
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी प्रगति के बावजूद, अभी एक लंबा रास्ता तय करना है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5, 2019-20) के आंकड़ों से पता चला है कि केवल 57% ग्रामीण परिवारों में शौचालय की सुविधा है. एनएफएचएस के आंकड़ों के अनुसार, केवल पांच राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में 100% शौचालय की सुविधा है. सरकार शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सभी के लिए सुरक्षित स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कमर कस रही है, ऐसे में स्मार्ट टॉयलेट सार्वजनिक स्वच्छता प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं. स्मार्ट टॉयलेट पानी की बर्बादी और शौचालय के उपयोग की चुनौतियों का भी समाधान कर सकते हैं. स्मार्ट टॉयलेट सुरक्षित और टिकाऊ, रखरखाव योग्य, सस्‍ते, रीसाइकलेबल और तकनीकी रूप से परफेक्‍ट होते हैं.

खुले में शौच प्रथा को रोका जा सकता है

स्मार्ट टॉयलेट गेमचेंजर हो सकते हैं. स्मार्ट टॉयलेट को बढ़ावा देकर, खुले में शौच की प्रथाओं को रोका जा सकता है. इससे लोगों में स्वच्छता की अच्छी आदतों जैसे हाथ धोने और कचरे के सुरक्षित निपटारे आदि की आदत डाली जा सकती है. स्मार्ट शौचालयों के उपयोग से पानी की बर्बादी में उल्लेखनीय कमी आ सकती है. जब एक सामान्‍य शौचालय की तुलना में, स्मार्ट शौचालय में लोग प्रत्येक फ्लश और फर्श की सफाई के लिए केवल थोड़ी मात्रा में पानी का उपयोग करते हैं. कुछ स्मार्ट शौचालयों में स्नान करने और महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन बदलने की सुविधा मौजूद होती है. शौचालय के अंदर ही सैनिटरी नैपकिन के सुरक्षित निपटान के लिए एक मैनुअल इंसीनरेटर भी लगाया जा सकता है. स्मार्ट शौचालयों के उपयोग को प्रोत्साहित करने से लोगों में बदलाव आएगा और वे स्वच्छता के महत्‍व को समझेंगे और इससे जीवन स्तर और सार्वजनिक स्वास्थ्य में पूरी तरह सुधार होगा.

स्‍मार्ट टॉयलेट सस्‍ते और सुविधाजनक

सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय सुविधाओं की तुलना में स्मार्ट शौचालय बहुत सस्ते हैं. हाल के वर्षों में, कई स्टार्टअप अच्‍छे शौचालय बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. वे सरकारी निकायों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से काम कर रहे हैं. इस क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या बढ़ने से स्मार्ट शौचालयों की कीमत में कमी आएगी. उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के एक इंजीनियर अरविंद ढेते द्वारा विकसित एक बायोटॉयलेट की कीमत केवल 6000 रुपये है. इसी तरह एनजीओ ग्रामालय द्वारा बनाए गए स्मार्ट शौचालय की कीमत 18000 रुपए है. ग्रामालय पहले ही दक्षिणी राज्यों में 60,000 से अधिक स्मार्ट शौचालय बना चुका है. वहीं, अरविंद धेते के भारत एक कदम समूह ने देश भर में 1 लाख से अधिक बायोटॉयलेट स्थापित किए हैं. हालांकि यह शुरुआती चरण में है. इसमें स्टार्टअप और कॉर्पोरेट क्षेत्र की रुचि एक स्वागत योग्य संकेत है. ये दोनों ही सस्‍ता स्‍वच्‍छता समाधान सामने ला रहे हैं. आने वाले वर्षों में स्मार्ट शौचालय भारत की सभी के लिए सुरक्षित स्वच्छता सुविधाओं के उद्देश्य को साकार करने में मदद कर सकते हैं.

News18 और Harpic India की एक पहल मिशन पानी, भारत में सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित स्वच्छता का समर्थन करती है. इस अभियान का उद्देश्य सुरक्षित जल, स्वच्छता और स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करके सभी के लिए समावेशी स्वच्छता सुनिश्चित करने के प्रयासों को बढ़ाना है.

आप भी इस क्रांति का हिस्सा बन सकते हैं और मिशन पानी पहल से जुड़ सकते हैं.

Tags: Environment, Mission Paani, News18 Mission Paani, Toilet



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