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NCERT की पायरेटेड बुक्‍स के रैकेट का भंडाफोड़, क्राइम ब्रांच ने बरामद की 5,000 से ज्‍यादा बुक्‍स , मास्‍टरमाइंड अरेस्‍ट

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नई द‍िल्‍ली. द‍िल्‍ली पुल‍िस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ क‍िया है जोक‍ि एनसीईआरटी (NCERT) की पायरेटेड बुक्‍स (pirated NCERT books) की प्रिट‍िंग कर मार्केट में धडल्‍ले से सप्‍लाई कर रहा था. क्राइम ब्रांच ने NCERTकी पायरेटेड बुक्स रैकेट के मास्टरमाइंड मनोज जैन (38) निवासी पूर्वी नाथू कॉलोनी, शाहदरा को गिरफ्तार किया है. बताया जाता है क‍ि 18 स‍ितंबर को गोदाम संख्या 4, मेला राम फार्म, मंडोली, दिल्ली स्थित एक प्रिंटिंग यूनिट पर छापेमारी की गई थी और एनसीईआरटी की भारी मात्रा में तैयार पायरेटेड और अर्ध-निर्मित पुस्तकें बरामद की गईं.

इस संबंध में एफआईआर संख्या 190/21 से 19 स‍ितंबर, 2021 के तहत धारा 420, 468,473 आईपीसी और 63,65 कॉपीराइट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. प्रिंटिंग प्रेस का मालिक आरोपी मनोज जैन तब से फरार था. यह पूरा पर्दाफाश एसआईयू/द्व‍ितीय क्राइम ब्रांच।/नंद नगरी की टीम ने क‍िया.

क्राइम ब्रांच ने एनसीईआरटी की पायरेटेड बुक्‍स की प्रिट‍िंग कर रहे रैकेेट का पर्दाफाश कर मशीनें जब्‍त की. Delhi Police, Crime Branch, NCERT, Pirated printing machines, HRD Ministry,CBSE, Delhi Crime, Crime News, Delhi News, Pirated books, द‍िल्‍ली पुल‍िस, अपराध शाख, एनसीईआरटी, पायरेटेड प्र‍िट‍िंग मशीन, एचआरडी मंत्रालय, द‍िल्‍ली अपराध, सीबीएसई, अपराध समाचार, द‍िल्‍ली समाचार, पायरेटेड क‍िताबें

क्राइम ब्रांच ने एनसीईआरटी की पायरेटेड बुक्‍स की प्रिट‍िंग कर रहे रैकेेट का पर्दाफाश कर मशीनें जब्‍त की.

क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने बताया क‍ि एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों की हमेशा भारी डिमांड रहती है. इसके अलावा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of HRD) ने सीबीएसई (CBSE) से संबद्ध स्कूलों के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों को अनिवार्य बनाने के प्रयास किए हैं. इस दौरान सरकार की ओर से कई बार यह बाते सामने आई हैं क‍ि कई स्कूल कथित तौर पर छात्रों को निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

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इस तरह से प्रकाशकों (publishers) द्वारा अपनी किताबें निर्धारित करने के एवज में कथित तौर पर स्कूलों के प्रबंधन को मोटी रकम का लाभ मिल रहा था. सरकार के इस कदम के परिणामस्वरूप, एनसीईआरटी पुस्तकों की मांग में अचानक वृद्धि हुई. इसके बाद पायरेटेड किताबों का गोरखधंधा करने वालों ने स्‍थ‍ित‍ि का पूरा लाभ उठाया और अधिक लाभ मार्जिन देकर विक्रेताओं में फंसाने का काम क‍िया.

क्राइम ब्रांच को सूचना म‍िली थी क‍ि यमुना पार क्षेत्र में पायरेटेड एनसीईआरटी पुस्तकों (pirated NCERT books) के मुद्रण में शामिल एक प्रकाशन इकाई कार्यरत है. उक्त घटिया गुणवत्ता वाली पायरेटेड पुस्तकों की बाजार में सस्ती दरों पर आपूर्ति की जा रही है जिससे एनसीईआरटी को भारी राजस्व हानि हो रही है.

यह ऑफसेट यून‍िट 6वीं से 12वीं तक की विभिन्न विषयों की एनसीईआरटी की पायरेटेड पुस्तकें प्रकाशित कर रही है. एसआईयू-द्वितीय/अपराध शाखा के इंस्पेक्टर विनोद अहलावत के नेतृत्‍व में में एसआई प्रकाश, एएसआई सतेंद्र, एएसआई हरेंद्र, हैड कांस्‍टेबल पंकज, कांस्‍टेबल विनीत, मोनू और अन्य स्टाफ की एक टीम गठ‍ित की गई जोक‍ि एसीपी/एसआईयू-द्वितीय संजीव कुमार की न‍िगरानी में की गई थी.

एनसीईआरटी की पायरेटेड बुक्‍स की यहां हो रही थी प्रिट‍िंग. Delhi Police, Crime Branch, NCERT, Pirated printing machines, HRD Ministry,CBSE, Delhi Crime, Crime News, Delhi News, Pirated books, द‍िल्‍ली पुल‍िस, अपराध शाख, एनसीईआरटी, पायरेटेड प्र‍िट‍िंग मशीन, एचआरडी मंत्रालय, द‍िल्‍ली अपराध, सीबीएसई, अपराध समाचार, द‍िल्‍ली समाचार, पायरेटेड क‍िताबें

एनसीईआरटी की पायरेटेड बुक्‍स की यहां हो रही थी प्रिट‍िंग.

टीम इस पूरे मामले पर करीब से नजर बनाए हुए थे. इस मामले में कार्रवाई करने से पहले एनसीईआरटी ( NCERT) के न‍िदेशक से भी पूरा संपर्क क‍िया गया था ताकि वे पूरे सांठगांठ का पता लगाने में सहायता प्रदान कर सकें. इस प्रकाशन इकाई (publishing unit) पर एनसीईआरटी, नई दिल्ली के सतर्कता अधिकारी और उत्पादन अधिकारी (Production officer) के साथ छापेमारी की गई, जहां पूरे सेटअप का पता चला था.

आरोपी के पास से करीब 80 हजार प्र‍िंटेड शीट भी बरामद की हैं ज‍िससे क‍ि 12 हजार से ज्‍यादा पायरेटेड पुस्‍तकों को तैयार क‍िया जा सकता है. वहीं 166 मैटल प्‍लेट्स भी बरामद की हैं ज‍िनके जर‍िए इन पायरेटेड पुस्‍तकों को छपाई की जाती. इसके साथ ही दो ऑफसेट प्र‍िंट‍िंग मशीनें भी जब्‍त की हैं औरएनसीईआरटी की 5000 पायरेटेड क‍िताबें भी बरामद की हैं. इसके अलावा बड़ी मात्रा में एनसीईआरटी वॉटरमार्क वाला सादा कागज भी बरामद क‍िया है जिसका इस्तेमाल पायरेटेड किताबों की छपाई के लिए किया जा रहा था. क‍िताबों की कुल कीमत 35 लाख के करीब आंकी गई है.

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क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव के मुताब‍िक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक सी-13, गली नंबर 11, ईस्ट नाथू कॉलोनी, शाहदरा, दिल्ली उम्र-38 साल कॉलेज ड्रॉपआउट हैं. उन्होंने पहले एक प्रिंटिंग प्रेस में काम किया और उसके बाद लगभग 7-8 साल पहले अपना खुद का प्रिंटिंग प्रेस स्थापित किया. वह जनवरी 2020 से मेला राम फार्म्स में वर्तमान सेटअप चला रहे थे.

लॉकडाउन के कारण उन्हें अपने व्यवसाय में भारी नुकसान हुआ. नुकसान को कवर करने और ज्‍यादा लाभ प्राप्त कमाने के चक्‍कर में उन्‍होंने एनसीईआरटी की पायरेटेड पुस्तकों को छापना शुरू कर दिया. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है क‍ि ये पुस्तकें पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रचलित हैं. पुल‍िस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

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