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‘बुलडोजर दर्शन’ का पेटेंट जरूरी!

सचमुच संघ परिवार को सावरकर के हिंदू राजनैतिक दर्शन के परिष्कृत, आधुनिक बुलडोजर मॉडल का वैश्विक पेटेंट करवाना चाहिए। सवाल है इसे संघ परिवार के सर्वाधिकार वाला म़ॉडल माने या प्रणेता नरेंद्र मोदी का मॉडल? सवाल के पीछे का लोचा यह है कि हाल में चर्चा हुई है कि केबिनेट में एक स्वंयसेवक (नितिन गडकरी?) ने विरोधियों के खिलाफ आयकर, ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं के खिलाफ इस्तेमाल को गलत बताया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे उनका मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री का सफर बना। जाहिर है नरेंद्र मोदी का बतौर हिंदू अवतार अवतरण की बुनियाद उनका स्वरचित ‘बुलडोजर दर्शन’ है। ऐसा पहले भारत या दुनिया के किसी लोकतांत्रिक देश में नहीं हुआ तो इसका वैश्विक पेंटेंट उनके वैयक्तिक स्वामित्व वाला बनना चाहिए न कि संघ परिवार का!

सावरकर ने हिंदू राजनीति का आधुनिक सभ्यतागत दर्शन दिया था। लेकिन असल, यांत्रिक प्रायोगिक बुलडोजर मॉडल के निर्माण का श्रेय नरेंद्र मोदी को ही है। इससे पिछले आठ सालों में न केवल भक्ति-शक्ति बढ़ी बल्कि आर्थिकी, समाज, राजनीति, मनोविज्ञान, अफसरशाही, संस्थाओं सब लाईन हाजिर हुए बुलडोजर के आगे! हिंदुओं के घर-घर, कण और मन को वह ‘विनिंग फॉर्मूला’ मिला है समाज-देश कितना ही खंड-खंड हो लेकिन हिंदुओं की भक्ति से अखंड भारत की ज्योति बनी भक्तों को समझ आ रही है। इसलिए तय है दुनिया बुलड़ोजर दर्शन को फोलो करेगी। मानवता नए दौर में प्रवेश करेगी।

क्या मैं हिंदू राष्ट्र की अपनी भावना में ज्यादा नहीं बह रहा हूं? कतई नहीं। जैसा आम हिंदू मानता है कि पश्चिमी सभ्यता, उदारवादी लोकतंत्र, कानून के राज वाले समाज के अमेरिकी म़ॉडल क्योंकि पतित, फेल और हिंदुओं की विश्व गुरूता को नकारे हुए है तो वसुधैव कुटुम्बकम् के भविष्य के चार ही म़ॉडल है। 180 करोड मुसलमानों के दारूल इस्लाम का मॉडल, 140 करोड लोगों के चीन के शी जिन पिंग का पिंजरा मॉडल, 110 करोड हिंदुओं का बुलडोजर मॉडल और 15 करोड रूसियों का टैंक मॉडल! चारों मॉडल अपनी-अपनी झाकियां बनाए हुए है। वे इन्ही में जीते हुए है और सभी की राजनीति, नेतृत्व इनसे बनते हुए है। तभी तुरंत हम हिंदुओं को बुलडोजर मॉडल का वैश्विक पेटेंट करा लेना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह इसलिए भी जरूरी है ताकि उनके बाद के नेता यह झूठ न बना पाएं कि बुलडोजर मॉडल तो बाबा या मामा या अमित शाह का था या अरविंद केजरीवाल का ममता बनर्जी का!

मै भविष्यवाणी कर दे रहा हूं कि भारत की राजनीति, राष्ट्र-राज्य व शासन की तासीर अब सौ टका बुलडोजर की आत्मा प्राप्त कर चुकी है। भविष्य में हर नेता बुलडोजर मॉडल के उपयोग से वोट पकाएंगा और राज करेगा। हिंदुओं को उनके शासन के असली मॉडल का वरदान मिल गया है। सोचे नरेंद्र मोदी के बाद क्या योगी आदित्यनाथ, अमित शाह या कि संघ परिवार का कोई भी उत्तराधिकारी और इनकी वेकल्पिक दूसरी पार्टियों के नेता क्या बुलडोजर राजनीति से परे भविष्य में लिबरल या रामजी का मर्यादा मॉडल अपना सकते है? सो कोई गलतफहमी ने रहे और हिंदुओं दौडो, अपने गुरूमंत्र का वैश्विक पेटेंट कराओं!

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