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सूडान में एक बार फिर सत्ता संभालेंगे PM अब्दल्ला हमदोक, सेना के साथ सहमति

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खारतूम. उत्तरी अफ्रीकी देश सूडान (Sudan) में सैन्य अधिकारियों और नेताओं के बीच प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक (Abdalla Hamdok) को पद पर बहाल करने की सहमति बन गई है. पिछले महीने देश में सैन्य तख्तापलट हुआ था और हमदोक को अपदस्थ कर सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली थी. सेना और सरकारी अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी है. अधिकारियों ने कहा कि 25 अक्टूबर को सैन्य तख्तापलट (Military Coup) के बाद जिन सरकारी अधिकारियों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें भी सेना और राजनीतिक दलों के बीच हुए समझौते के तहत रिहा किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि हमदोक एक स्वतंत्र ‘टेक्नोक्रेटिक कैबिनेट’ के मुखिया होंगे. उन्होंने कहा कि इस समझौते को तैयार करने में संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अन्य ने ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाई है. अधिकारियों ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि इस समझौते के संबंध में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है (Sudan Army Deal). तख्तापलट के बाद सेना ने सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए ‘सॉवरिन काउंसिल’ का गठन किया है और इस काउंसिल के अध्यक्ष तख्तापलट करने वाले जनरल अब्दल फतेह बुरहान हैं.

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इससे पहले महीने की शुरुआत में खबर आई थी कि सूडान के सुरक्षा बलों ने लोकतंत्र समर्थकों पर एक बार फिर कार्रवाई करते हुए, राजधानी खार्तूम में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया था और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. सूडान की सेना ने 25 अक्टूबर को सत्ता पर कब्जा कर अस्थायी सरकार को भंग कर दिया था.

देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए
तख्तापलट के विरोध में खारतूम और देश में अन्य कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए गए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तख्तापलट की आलोचना हुई थी. इस तख्तापलट को देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था अपनाने की योजना के लिहाज से झटके के तौर पर देखा गया (Sudan Military Coup). इससे दो साल पहले बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के दबाव में लंबे समय से देश पर शासन कर रहे निरंकुश शासक उमर अल-बशीर और उनकी इस्लामी सरकार को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

अल-बशीर के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर चुके सूडानी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन (एसपीए) के अनुसार, खार्तूम के बहरी जिले में शिक्षा मंत्रालय के बाहर शिक्षकों और शिक्षा कार्यकर्ताओं ने तख्तापलट का विरोध किया था.

सूडान में इससे पहले सितंबर में तख्तापलट की नाकाम कोशिश हुई थी. साजिशकर्ताओं के नाम का खुलासा अभी नहीं हुआ है. समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि साजिशकर्ताओं ने सरकारी मीडिया की इमारत पर कब्जा करने की भी कोशिश की, जो ‘विफल’ हो गई.

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देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहे राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर (Omar al-Bashir) को दो साल पहले साल 2019 में सत्ता से हटा दिया गया था. इसके बाद सत्ता को बांटने के लिए एक अग्रीमेंट साइन किया गया. इसमें एक ऐसी सरकार बनाने पर सहमति बनी, जिसमें सेना, नागरिक प्रतिनिधि और विरोध प्रदर्शन करने वाले समूह शामिल हों. हालांकि देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है. इस सरकार पर आर्थिक और राजनीतिक सुधार करने का दबाव है. (एजेंसी इनपुट)



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