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PM Security Breach: पूर्व CM हरीश रावत ने दी सफाई, ‘बयान ठीक से देखें, गलत निकला तो माफी मांगूंगा’

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देहरादून. पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले पर खबरों, प्रतिक्रियाओं और बयानों की बौछार के बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक विवाद में घिर गए, जिस पर उन्हें सफाई देने की नौबत आ गई. रावत ने शुक्रवार को इस मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि पीएम की सुरक्षा में चूक होना दुखद है, लेकिन इस पर भाजपा का राजनीति करना और भी दुखद है. इस बातचीत के दौरान रावत कह गए थे, ‘पीएम का काफिला और आधे घंटे लेट हो जाता, तो कौन सा बम फट जाता’, अब इस बयान पर रावत ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने यह बात एक मुहावरे के तौर पर कही थी, जिसका बेवजह राजनीतिकरण किया जा रहा है.

कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रभारी रह चुके रावत ने इस मामले को सिक्योरिटी लैप्स बताते हुए कहा था कि केंद्र की एजेंसियों की ज़िम्मेदारी ज़्यादा बनती है. इस पूरी बातचीत के दौरान ‘बम फूटने’ की बात कहकर रावत विवादों में आ गए थे. जिस तरह से ये बातें मीडिया के ज़रिये प्रसारित की गईं, उसके बाद रावत ने मीडिया से कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया. बकौल रावत, ‘आसमान टूट पड़ने की तरह ही बम फट जाना भी आम बोलचाल में एक मुहावरे की तरह इस्तेमाल किया जाता है. इस सामान्य वाक्य को गलत अर्थों में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए.’

‘पूरे देश से क्षमा मांगने को तैयार हूं’
इस बयान को लेकर आलोचनाओं में घिरने के बाद कई मंचों से रावत सफाई देते हुए नज़र आए. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि उन्होंने एक सामान्य सी बात को मुहावरे की भाषा में कहा था, जिसमें उनका ‘इनटेंशन’ गलत नहीं था. रावत ने इस वीडियो में साफ तौर पर कहा कि अगर इस बयान को ठीक से देखने के बाद भी किसी को लगता है कि उन्होंने पीएम की सुरक्षा को अंडरमाइन किया, तो वह पूरे देश से माफी मांगने के लिए तैयार हैं.

गौरतलब है कि पंजाब दौरे के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले को किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते एक पुल पर कुछ मिनटों के लिए रुकने की नौबत पेश आई थी. इसके बाद से ही केंद्र और पंजाब सरकार के बीच सुरक्षा में चूक को लेकर तनातनी है. इस मामले को लेकर हरीश रावत यह भी कह चुके हैं कि यह देश के लिए बड़ा मामला है और इसकी सम्मिलित ज़िम्मेदारी तय की जाना चाहिए.

आपके शहर से (देहरादून)

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Tags: Harish rawat, Uttarakhand politics

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