Politics of Uttarakhand : तराई में BJP के सिटिंग विधायक परेशान, युवाओं ने ठोका टिकट पर दावा
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चंदन बंगारी
रुद्रपुर. विधानसभा चुनाव से पहले टिकट की दावेदारी को लेकर संकट केवल कांग्रेस ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी के सामने भी है. खास तौर से तराई की प्रमुख सीटों पर भाजपा के सामने उसका नारा ही कार्यकर्ताओं की गुटबंदी का कारण बन गया है और इससे यहां सिटिंग विधायकों के सामने परेशानी बढ़ा दी है. असल में, प्रदेश की कमान युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में होने और भाजपा द्वारा ‘अबकी बार युवा सरकार’ जैसा नारा देने के चलते बीजेपी के युवा दावेदारों में उत्साह देखा जा रहा है. ‘युवा मुख्यमंत्री’ की तर्ज़ पर ‘युवा विधायक’ का नारा बुलंद कर कार्यकर्ता टिकट मांग रहे हैं.
एक तरफ चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने मज़बूत प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज़ कर दी है, वहीं दावेदार भी टिकट हासिल करने ने लिए ताकत लगाए हुए हैं. तराई की नौ विधानसभाओं में से रुद्रपुर, काशीपुर, किच्छा और बाजपुर में बीजेपी से युवा दावेदार सामने आ रहे हैं. दावेदार जनसम्पर्कों में जुटे हैं, वहीं होर्डिंग्स और वॉल राइटिंग के ज़रिये माहौल बना रहे हैं. युवा मुख्यमंत्री का हवाले से दावेदार युवा चेहरे को मौका देने की मांग कर रहे हैं. रुद्रपुर और किच्छा में तो युवा दावेदारों की सक्रियता से बीजेपी के सिटिंग विधायकों के माथे पर बल आ गए हैं.
रुद्रपुर से युवा दावेदार
– बीजेपी जिलाध्यक्ष शिव अरोरा
– विकास शर्मा
– भारत भूषण चुघ
– सुरेश कोली
किच्छा और रुद्रपुर से विधायक राजेश शुक्ला और राजकुमार ठुकराल.
किच्छा से युवा दावेदार
– अजय तिवारी
– विपिन जल्होत्रा
अन्य सीटों से युवा दावेदार
– बाजपुर से राजेश कुमार
– काशीपुर से गुरविन्दर सिंह चंडोक
– जसपुर से सीमा चौहान
किस आधार पर आगे आ रहे हैं युवा?
उधमसिंहनगर में 18 से 35 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख है. युवाओं की ताकत से वाकिफ सियासी दल इस वोट बैंक पर खासा फोकस कर रहे हैं. बीजेपी से टिकट की उम्मीद कर रहे युवा दावेदार अपनी उपलब्धियों को टिकट का मज़बूत आधार बता रहे हैं. उनका मानना है कि पार्टी ने युवा चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया इसलिए चुनाव में टिकट वितरण में भी युवाओं को प्राथमिकता देगी.
क्या कह रहे हैं सिटिंग विधायक?
यूथ की इस लामबंदी के कारण खास तौर पर रुद्रपुर में बीजेपी विधायक राजकुमार ठुकराल और किच्छा से बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला की दिक्कतें बढ़ी हैं. ठुकराल का कहना हैं कि वह लगतार दो बार विधायक रहे हैं और ऐतिहासिक विकास कार्य किए हैं. नजूल भूमि पर मालिकाना हक लोगों को देने के लिए संघर्ष को वह अपनी उपलब्धि मानते हैं. ठुकराल के मुताबिक पार्टी में दावेदारी का हक सभी को है, लेकिन उनके टिकट पर कोई संकट नहीं है.
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