Politics of Uttarakhand: टिहरी कैसे बन गई सस्पेंस सीट? BJP और कांग्रेस ने क्यों नहीं खोले पत्ते?
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सौरभ सिंह
टिहरी. उम्मीदवारों की घोषणा में कांग्रेस से बाज़ी मारते हुए बीजेपी ने पहले टिहरी ज़िले की 6 विधानसभा सीटों में से 5 पर अपने टिकटों की घोषणा की थी. इन पांच सीटों पर पार्टी ने जीते हुए चेहरों पर ही दांव लगाने की रणनीति अपनाई. लेकिन सवाल है कि क्यों? इधर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के चलते कुछ समीकरण उलझे हुए हैं तो टिहरी सीट पर सस्पेंस बना हुआ है और बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस भी दो सीटों के लिए प्रत्याशियों के बारे में मंथन करने पर मजबूर है. इस सीट के सियासी समीकरण क्या कुछ इशारे दे रहे हैं, जानिए.
पहले बीजेपी के टिकटों की स्थिति देखें तो नरेन्द्रनगर सीट पर पार्टी ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल पर विश्वास जताया, जबकि पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत यहां से प्रबल दावेदार थे. प्रतापनगर सीट पर विजय सिंह पंवार को टिकट मिला जबकि बीजेपी में शामिल होने वाले राजेश्वर पैन्यूली दावेदार थे. धनौल्टी सीट पर पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा व पूर्व विधायक महावीर रांगड़ की दावेदारी को दरकिनार कर पार्टी ने निर्दलीय विधायक रहे प्रीतम पंवार को ही मैदान में उतारा. देवप्रयाग सीट पर पार्टी ने युवा चेहरे विनोद कंडारी तो सुरक्षित घनसाली सीट पर दर्शन लाल और सोहन लाल खंडेलवाल के बजाय सिटिंग विधायक शक्तिलाल शाह पर भरोसा जताया. टिहरी सीट पर अब भी संस्पेंस बरकरार है.
बीजेपी ने क्या रणनीति अपनाई?
राजनीतिक जानकार विक्रम सिंह बिष्ट का कहना है कि बीजेपी के सिटिंग विधायक टिकट नहीं मिलने पर अपनी अपनी सीट पर पार्टी के लिए समीकरण बिगाड़ सकते थे. यानी साफ तौर पर बगावत और भितरघात का खतरा था. कहा जा रहा है कि सिटिंग विधायकों के लिए फिर से जीत दर्ज कराना और दावेदारों को भी साथ में लाना किसी चुनौती से कम नहीं है. इधर, कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का फायदा कांग्रेस को मिलेगा.
कांग्रेस के तार कहां उलझे हैं?
अभी तक टिहरी की 4 सीटों पर टिकटों की घोषणा कर चुकी कांग्रेस भी नरेंद्रनगर के अलावा टिहरी सीट पर मंथन कर रही है. किशोर उपाध्याय के अंतिम कदम को देखते हुए ही पार्टी यहां कोई फैसला करने के मूड में दिख रही है. ज़िले की चार सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. देवप्रयाग से पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रतापनगर सीट पर पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, धनौल्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष जोतसिंह बिष्ट और घनसाली में धनीलाल शाह पर पार्टी ने दांव खेला है.
किशोर पर कैसे टिका है एक सीट का गणित?
कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटा दिया था और तभी से चर्चा है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को किशोर उपाध्याय के फाइनल कदम का इंतज़ार है. इधर, कुछ खबरें ये भी हैं कि किशोर को कांग्रेस से टिकट की आस अब भी बनी हुई है. टिहरी सीट से दो बार विधायक रह चुके किशोर के रुख पर ही दोनों पार्टियां यहां से टिकट तय करने की रणनीति बनाए हुए हैं.
आपके शहर से (टिहरी गढ़वाल)
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Tags: Uttarakhand Assembly Election, Uttarakhand BJP, Uttarakhand Congress
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