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राजनाथ की चीन को दो टूक- बातचीत भले ही चल रही, लेकिन हमारी सेना हमेशा अलर्ट पर

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नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath singh) ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत-चीन (India-China) के बीच बातचीत जारी रहेगी, जबकि हमारे जवान इस क्षेत्र में पूरी मजबूती से खड़े हैं. रक्षामंत्री ने सेना के शीर्ष कमांडरों के एक सम्मेलन में कहा कि क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए खराब मौसम और ‘दुश्मनों’ का सामना करने वाले सैनिकों के लिए अच्छी क्वालिटी के हथियारों, उपकरणों और कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है.

चीन अड़ा तो भारत भी मजबूती से खड़ा
रक्षा मंत्रालय ने रक्षा मंत्री के हवाले से बताया कि उत्तरी सीमाओं पर सैनिक मजबूती से खड़े हैं. इसके साथ ही संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए चल रही बातचीत जारी रहेगी.’ बता दें कि भारत-चीनी सेनाओं के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता समाप्त होने के दो हफ्ते बाद रक्षा मंत्री ने यह बयान दिया है. भारतीय सेना ने बताया था कि बातचीत में उसके रचनात्मक सुझाव पर न तो चीनी पक्ष ने सहमति जताई और न ही बीजिंग कोई अन्य प्रस्ताव प्रदान कर सका था.

पाकिस्तान को दे रहे करारा जवाब
पाकिस्तान के साथ सीमा पर स्थिति पर राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई की तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मैं जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में सीएपीएफ/पुलिस बलों और सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में समन्वित संचालन इस क्षेत्र को समग्र विकास के लिए एक स्थिर और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान कर रहा है.’ सिंह ने देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में से एक के रूप में भारतीय सेना पर अरबों से अधिक नागरिकों के विश्वास की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘मुझे वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व पर पूरा भरोसा है. देश को अपनी सेना पर गर्व है और सरकार सुधारों और क्षमता विकास की राह पर सेना को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.’

नहीं भूलेंगे जवानों की शहादत
भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों का चार दिवसीय सम्मेलन सोमवार को शुरू हुआ था. इसमें पूर्वी लद्दाख, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और जम्मू-कश्मीर सहित अन्य क्षेत्रों सहित भारत की सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा की गई. रक्षा मंत्री ने परिचालन तैयारियों और क्षमताओं के उच्च स्तर के लिए बलों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विभिन्न अग्रिम क्षेत्रों के दौरे के दौरान व्यक्तिगत रूप से इसका अनुभव किया. सिंह ने अपना कर्तव्य निभाने में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी ‘बहादुर’ सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

भारतीय सेना के सहारे आत्मनिर्भर भारत
उन्होंने कहा, ‘सरकार युद्धक क्षमता बढ़ाने और सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.’ उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की नीति सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बड़ा कदम है. उन्होंने इस लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए भारतीय सेना की सराहना की और कहा कि सेना द्वारा इसके 74% ठेके ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को ध्यान में रखते हुए 2020-2021 में भारतीय विक्रेताओं को दिए गए थे. उन्होंने कहा, ‘क्षमता विकास और सेना की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोई बजट की कोई बाधा नहीं है.’

महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन का बड़ा फैसला
सिंह ने कहा कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का फैसला एक और महत्वपूर्ण निर्णय है. सिंह ने अपने संबोधन में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा कि यह दूर-दराज के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए कठिन परिस्थितियों में काम कर रहा है, ताकि उन स्थानों पर रहने वाले नागरिक जुड़े रहें. उन्होंने नवीनतम तकनीकों को उपयुक्त रूप से शामिल करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की.

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