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सोनू सूद अब नहीं रहे पंजाब के ‘आइकॉन’, बहन मालविका की राजनीति बनी कारण!

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चंडीगढ़. भारत के निर्वाचन आयोग ने अभिनेता सोनू सूद की पंजाब के ‘राज्य प्रतीक’ के तौर पर नियुक्ति रद्द कर दी है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस करुणा राजू ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वहीं, बॉलीवुड अभिनेता ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से पद छोड़ दिया क्योंकि परिवार का एक सदस्य आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान सक्रिय रहे अभिनेता ने आम जनता की काफी मदद की थी.

निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने करीब एक साल पहले सोनू सूद को पंजाब का ‘आइकॉन’ नियुक्त किया था. राजू ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग ने सूद की पंजाब के ‘राज्य के प्रतीक’ के तौर पर नियुक्ति को चार जनवरी को रद्द कर दिया है. उल्लेखनीय है कि अभिनेता और समाज सेवी सोनू सूद ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि उनकी बहन मालविका राजनीति में आ रही हैं, लेकिन उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है.

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सूद ने एक ट्वीट में कहा, ‘हर अच्छी चीज की तरह, इस सफर का भी अंत होना था. मैं ‘स्टेट आइकन ऑफ पंजाब’ के पद से स्वेच्छा से हट गया हूं.’ सूद मूल रूप से पंजाब के मोगा जिले के हैं और कोविड महामारी के दौरान प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने की वजह से चर्चा में आए थे. उन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए और जगह-जगह फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की थी. उनके मानवतावादी काम की समाज के सभी वर्गों ने प्रशंसा की थी.

बहन के चुनाव लड़ने के ऐलान के दौरान सूद ने कहा था, ‘मालविका तैयार हैं. लोगों की सेवा करने की उनकी प्रतिबद्धता बेमिसाल है.’ उन्होंने बताया कि राजनीतिक दल में शामिल होना जीवन का बहुत बड़ा फैसला है. उन्होंने कहा, ‘इसका सबसे ज्यादा लेनादेना विचारधारा से है, यदाकदा होने वाली मुलाकातों से नहीं है.’ मालविका ने कांग्रेस पार्टी के साथ प्रचार अभियान में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है.

(भाषा इनपुट के साथ)

Tags: Punjab elections, Sonu sood

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