उत्तराखंड

कृषि कानून वापसी : कांग्रेस ने कहा सरकार झुकी, उत्तराखंड के किसान बोले ‘अब किसानों से नहीं भिड़ेगी कोई सत्ता’

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देहरादून. प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की घोषणा के बाद उत्तराखंड के किसानों ने खुशी का इज़हार किया तो विपक्ष ने इसे किसान आंदोलन की जीत करार दिया. उत्तराखंड में किसान आंदोलन की आंच पहुंची थी और यहां के कई किसान इस आंदोलन के साथ जुड़े थे. केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद राज्य के कई हिस्सों में किसानों ने आतिशबाज़ी कर, एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इज़हार किया. वहीं, विपक्ष ने इसे केंद्र सरकार के बैकफुट पर आने वाला फैसला करार देकर कहा कि आंदोलन के आगे सरकार को झुकना ही पड़ा.

तीनों कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के ऐलान पर उत्तराखंड के रुड़की में किसानों ने खुशी का इज़हार किया. उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गुलशन रोड ने केंद्र के इस फैसले को किसानों की जीत बताया. वहीं, भारतीय किसान यूनियन सहित कई किसान संगठनों ने आभार जताया. वहीं, उधमसिंह नगर में संयुक्त किसान मोर्चा के जुड़े संगठनों के नेताओं ने प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत किया. उत्साहित किसानों ने रुद्रपुर में जमकर आतिशबाज़ी की और एक दूसरे को मिठाई खिलाई. भाकियू चढ़ूनी के जिलाध्यक्ष साहब सिंह सेखो ने कहा कि आंदोलन में 700 से अधिक किसानों ने बलिदान दिया, यह घोषणा किसानों के संघर्ष की जीत है.

‘अब कोई सरकार किसान के खिलाफ जाने की नहीं सोचेगी’
उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गुलशन रोड ने कहा कि वास्तव में किसानों ने अपनी ताकत का एहसास सरकार को करा दिया. पिछले 11 महीने से किसान कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन पर बैठे थे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आने वाले समय में चाहे किसी की भी सरकार बने, लेकिन कोई भी सरकार किसान के खिलाफ नहीं जा सकेगी. यह किसानों के मान सम्मान की लड़ाई थी, जिसमें किसानों की बड़ी जीत हुई. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार यह फैसला न लेती, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में किसानों का भारी विरोध झेलना ही पड़ता.

कांग्रेस ने एक सुर में बोला हमला
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि ये जनता और किसानों के आंदोलन की विजय है. किसानों ने सरकार को झुकने पर मजबूर किया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि जो लोग खुद को भगवान मानते थे, उनको जनता और किसानों की एकता ने झुका दिया. ‘मोदी सरकार ने मजबूरी में ये कानून वापस लिये, जिसकी वजह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव ही है.’

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि करीब 800 किसानों ने जान गंवाई, शहीद हुए, ये उनकी जीत है. कांग्रेस को किसानों के साथ बताते हुए देवेंद्र यादव ने कहा कि जान गंवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए. उत्तराखंड में नेता विपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि ये किसान और कांग्रेस के संघर्ष की जीत है. ‘जनता और किसान सब समझते हैं कि ऐसी घोषणा कब और क्यों की गई है और 2022 में बीजेपी को सबक सिखाएंगे.’

Tags: Farm laws, Farmers movement, Three Farm Laws, Uttarakhand news



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