धर्म संसद विवाद : SIT को अब तक ट्रांसफर नहीं हुआ केस, उत्तराखंड पुलिस जांच की रफ्तार पर उठे सवाल
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रिपोर्ट – पुलकित शुक्ला
हरिद्वार. हेट स्पीच को लेकर धर्म संसद के विरोध में दर्ज रिपोर्ट के बाद जांच का आलम यह है कि ऐलान के बाद अब तक केस एसआईटी को ट्रांसफर नहीं हो पाया. तीन दिन बाद भी अफसरों को आदेश की कॉपी नहीं दी गई है. इस बारे में बात करने से पुलिस के आला अफसर किनारा कर रहे हैं. डीआईजी गढ़वाल ने 1 जनवरी को जांच के लिए एसआईटी बनाई थी और यह ऐलान किया गया था कि इस मामले में त्वरित गति से जांच के लिए यह कदम उठाया गया, लेकिन इस जांच की रफ्तार पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं.
धर्म संसद विवाद की जांच के मामले में बताया जा रहा है कि अभी तक केस एसआईटी को नहीं सौंपा गया है. एसपी देहात देहरादून के नेतृत्व में बनी 5 सदस्यीय एसआईटी को केस न मिलने के बारे में हरिद्वार पुलिस के अधिकारियों ने बात करने से किनारा कर लिया. 1 जनवरी को बनाई गई एसआईटी के बारे में कहा गया था कि यह मंगलवार से जांच शुरू करेगी, लेकिन इसकी औपचारिकताएं अब तक अधूरी हैं. इससे पहले डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर पांच सदस्यों की टीम बनाई थी, जिसकी अगुवाई देहरादून की एसपी देहात कमलेश उपाध्याय को दी गई थी.
क्या है मामला?
उत्तराखंड चुनाव की हलचलों के बीच 17 से 20 दिसंबर के बीच हरिद्वार के वेदन निकेतन आश्रम में धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम के वीडियो वायरल हुए. इनमें कई कथित साधु और संत मुदाय विशेष के खिलाफ नफरत भड़काने वाले बयान देते नज़र आए थे. मामले ने तूल पकड़ा तो नफरती भाषणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. और फिर हाल में दूसरी एफआईआर भी दर्ज की गई.
ज्वालापुर निवासी गुलबहार कुरैशी ने पहले हरिद्वार शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके बाद हाल में शहर के ही नदीम अली की शिकायत पर ज्वालापुर थाने में दूसरी एफआईआर दर्ज हुई, इसे बाद में शहर कोतवाली में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां इसी केस में पहली रिपोर्ट दर्ज हुई थी.
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