पिथौरागढ़ की रक्षा करती हैं उल्का देवी, गोरखा समुदाय ने पहाड़ी पर बनाया था मंदिर
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पिथौरागढ़ की पहाड़ी पर मां उल्का देवी का मंदिर स्थित है.
उल्का माता पिथौरागढ़ जिले की गंभीर बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं को रोकती हैं.
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से एक किलोमीटर की दूरी पर मां उल्का देवी का भव्य मंदिर (Ulka Devi Temple Pithoragarh) स्थित है. देवी को ’सोर की भगवती’ के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि में दूरदराज से लोग मां के दर्शन करने पहुंचते हैं. पिथौरागढ़ के ग्राम सेरा क्षेत्र में ऊंची पहाड़ी पर स्थित उल्का देवी मंदिर से पिथौरागढ़ जिले का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है, जहां से सूर्योदय और सूर्यास्त की खूबसूरती हर किसी का मन मोह लेती है.
उल्का देवी मंदिर की शक्तियों के बारे में कहा जाता है कि उल्का माता पिथौरागढ़ जिले की गंभीर बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं को रोकती हैं. ऐसा माना जाता है कि गोरखा समुदाय ने अपने शासनकाल में पर्वत शिखर पर इस मंदिर की स्थापना की थी. यही वजह है कि गोरखा समुदाय उल्का देवी को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते थे.
इस मंदिर का जीर्णोद्धार बाद में सेरा गांव के मेहता परिवार द्वारा किया गया. मंदिर में पांडे गांव के पुनेठा पुजारी नियुक्त किए गए. पिथौरागढ़ में चैत के महीने में लगने वाले ’चैतोल उत्सव’ पर यहां विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
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