कमउम्र बच्चों को लेकर यूनीसेफ की गंभीर रिपोर्ट, प्रभावित देशों में भारत का भी नाम
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नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ (UNICEF) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को विकास के लिए आवश्यक पर्याप्त भोजन और पोषक तत्व नहीं मिल रहे और साथ ही चेतावनी दी गई है कि कोविड-19 महामारी में यह स्थिति और बदतर हो सकती है. इस सप्ताह होने वाले ‘संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली सम्मेलन’ से पहले संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक रिपोर्ट सामने आई है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस अध्ययन में बच्चों की माताओं से बातचीत की गई और पाया गया कि ऑस्ट्रेलिया, इथियोपिया, घाना, भारत, मेक्सिको, नाइजीरिया, सर्बिया और सूडान में हर तीन में से एक बच्चे को प्रतिदिन कम से कम एक बार प्रसंस्कृत या अति प्रसंस्कृत भोजन या पेय लेना पड़ता है.
कई देशों में बच्चों को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं
रिपोर्ट में कहा गया कि बढ़ती गरीबी, असमानता, युद्ध, जलवायु संबंधी आपदा और कोविड-19 जैसी स्वास्थ्य आपदाओं के कारण विश्व के कई देशों में बच्चों को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं और पिछले 10 साल में इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है.
बता दें कोरोना के बच्चों में प्रभाव को लेकर इससे पहले भी कई रिपोर्ट की जा चुकी हैं जिनमें कहा गया है कि महामारी के कारण बच्चों में व्यापक असर होगा. कोरोना की वजह से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई छूट जाने समेत तमाम आर्थिक-सामाजिक दुष्परिणामों पर रिपोर्ट की गई हैं.
एक अन्य रिपोर्ट
इसी महीने UNICEF की रिपोर्ट में रेखांकित किया गया था कोरोना के कारण बार-बार स्कूल बंद होने से दक्षिण एशियाई देशों में बच्चों के लिए सीखने के अवसरों में चिंताजनक असमानताएं पैदा हुई हैं. रिपोर्ट में कहा गया था कि 5-13 वर्ष की आयु वर्ग के छात्रों के 76 प्रतिशत माता-पिता ने दूरस्थ शिक्षा के दौरान सीखने के स्तर में गिरावट की बात कही है.
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