Uttarakhand Chunav: रुद्रपुर से राजकुमार ठुकराल को टिकट देने में हिचक रही बीजेपी! जानें वजह
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चंदन बंगारी
रुद्रपुर. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) के लिए बीजेपी ने 59 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और जिन 11 सीटों को होल्ड पर रखा गया है उनमें रुद्रपुर (Rudrapur Assembly Seat) भी शामिल है. इस सीट पर दो बार से बीजेपी से राजकुमार ठुकराल (Rajkumar Thukral) विधायक हैं. उनका टिकट कटने की चर्चा जोरों पर है. इस सीट पर जिलाध्यक्ष शिव अरोरा टिकट के प्रबल दावेदार हैं. वहीं पार्टी मौजूदा विधायक का टिकट काटने और नए चेहरे को उतारने की परिस्थितियों का बेहद बारीकी से आकलन कर रही है. माना जा रहा है कि पार्टी इस सीट पर चौंका सकती है.
रुद्रपुर सीट की सियासी इतिहास
उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हुए दो चुनावों में रुद्रपुर विधानसभा में कांग्रेस के कद्दावर नेता तिलकराज बेहड़ विधायक बने थे. वर्ष 2012 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर उतरे राजकुमार ठुकराल ने बेहड़ को 3954 वोटों से शिकस्त दी थी. वहीं 2017 के चुनाव में ठुकराल ने बेहड़ को 24,771 वोटों से पराजित किया था. लगातार दो हार के बाद बेहड़ ने सीट बदल ली और किच्छा से दावेदारी कर रहे हैं.
बीजेपी से आठ लोगों ने की दावेदारी
बीजेपी से रुद्रपुर सीट पर 8 लोगों ने टिकट मांगा था, जिनमें विधायक राजकुमार ठुकराल, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौहान, पूर्व जिलाध्यक्ष उत्तम दत्ता, विकास शर्मा, सुरेश कोली, नेत्रपाल मौर्य, मोनिका गुप्ता शामिल रहे, लेकिन टिकट की जंग ठुकराल और शिव अरोरा तक ही सिमटकर रह गई है. बताया जा रहा है कि शिव की पैरवी आरएसएस के कुछ लोग कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी हालिया स्थितियों में सिटिंग विधायक और पार्टी के बड़े हिंदुत्ववादी चेहरे ठुकराल का टिकट काटने का जोखिम लेने में कतरा रही है. पार्टी में ठुकराल का टिकट काटने की दशा में होने वाले सियासी नुकसान का भी आकलन हो रहा है.
कहीं जुबां के निकले अपशब्द तो नहीं बने टिकट की राह में रोड़ा
सियासी गलियारे में चर्चा है कि रुद्रपुर सीट पर सिटिंग विधायक राजकुमार ठुकराल के टिकट की राह में उनकी बदजुबानी आड़े आई है. वे अक्सर अपशब्दों को लेकर सुर्खियों में आते रहे हैं. हाल ही में हुई गौवंशीय पशु काटने की घटना में उन्होंने कांग्रेस नेता के साथ गालीगलौच की थी. सूत्रों के अनुसार उनकी जुबां से निकले अपशब्दों की ऑडियो पार्टी हाईकमान तक पहुंचाई गई है. बताया जा रहा है कि इस ऑडियो टेप में कुछ जगहों पर पार्टी नेताओं के खिलाफ भी टिप्पणी की गई है, जिसे पार्टी में गंभीरता से लिया गया है. माना जा रहा है कि यही ऑडियो टिकट काटने का कारण बन सकता है. हालांकि ठुकराल इसे सियासी षड्यंत्र बता चुके हैं और इस ऑडियो को फर्जी बताते हुए कोतवाली में तहरीर भी दे चुके हैं. उनका कहना है कि उनका सियासी करियर खत्म करने के लिए कुछ लोग साजिश रच रहे हैं.
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बीजेपी के लिए बड़ा सवाल- ठुकराल की टिकट काटकर दें किसको?
बीजेपी में सिटिंग विधायक राजकुमार ठुकराल का टिकट काटने और नए को देने के लिए काफी मंथन चल रहा है. ठुकराल जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं और साथ ही उनकी लगातार जीत से घबराकर कांग्रेस नेता तिलकराज बेहड़ को सियासी जमीन बदलनी पड़ी है. लेकिन ठुकराल की बड़ी कमी जुबां पर काबू नहीं रख पाना है. सूत्र बताते हैं कि ठुकराल का टिकट काटने के बाद नए चेहरे को मैदान में उतारने को लेकर भी पार्टी मंथन हो रहा है.
ठुकराल और बीजेपी जिलाध्यक्ष शिव अरोरा के बीच अदावत किसी से छिपी नहीं है. दोनों एक दूसरे को विरोधी मानते रहे हैं. पार्टी को डर है कि ठुकराल का टिकट काटा तो वे निर्दलीय या अन्य पार्टी से चुनाव भी लड़ सकते हैं. ऐसे में पार्टी को इस सीट पर बड़ा नुकसान हो सकता है. इसके अलावा रुद्रपुर से सटी किच्छा सीट पर भी असर हो सकता है. हालांकि ठुकराल कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ने की बात कह रहे हैं और उनका कहना है कि वे बीजेपी से ही चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ठुकराल को टिकट देती है या काटती है ये सोमवार को साफ हो सकता है। लेकिन ये सीट टिकट के लिहाज के बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द बनी हुई है.
सोशल मीडिया पर समर्थकों में छिड़ी जंग
बीजेपी हाई कमान टिकट को लेकर मंथन कर रहा है. वहीं विधायक ठुकराल और जिलाध्यक्ष शिव अरोरा के समर्थक अपने नेता का टिकट पक्का मानकर सोशल मीडिया में माहौल बना रहे हैं. अपने नेताओं की उपलब्धियों को सामने रख रहे हैं. इसके साथ ही रुद्रपुर की जनता के बीच टिकट को लेकर खासी चर्चा है. वहीं कांग्रेस, आम आदमी पार्टी की नजर भी बीजेपी की टिकट घोषणा पर है.
बंगाली चेहरे पर भी हो सकता है दांव
बीजेपी में टिकट को लेकर चल रहे मंथन के बीच बंगाली नेता उत्तम दत्ता और देशी समाज से आने वाले अनिल चौहान के अलावा विकास का नाम दो दिनों से अचानक सामने आया है. उत्तम को पार्टी ने दिल्ली बुलाया है और उत्तम के नाम पर विचार हो रहा है. उत्तम के सहारे रुद्रपुर के अलावा गदरपुर और सितारगंज के बंगाली वोटरों को भी साधा जा सकता है. इधर बंगाली कल्याण समिति ने भी उत्तम को टिकट देने की मांग बीजेपी से की है. इधर ठुकराल देहरादून तो शिव दिल्ली में जमे हुए हैं.
रुद्रपुर सीट का सियासी समीकरण
रुद्रपुर सीट पर कुल एक लाख 91 हजार 391 मतदाता हैं, जिनमें एक लाख एक हजार 248 पुरुष और 90 हजार 136 महिला मतदाता हैं. जातीय आंकड़ों पर नजर डालें तो 45 फीसदी देशी समाज, 22 फीसदी बंगाली, 13 फीसदी मुस्लिम और 11 फीसदी सिख वोटर हैं. इसके अलावा पंजाबी, पर्वतीय और पूर्वांचल के वोटर भी यहां अच्छी खासी तादाद में हैं.
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Tags: Bjp candidates list, Uttarakhand Assembly Elections, Uttarakhand BJP
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