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Uttarakhand Chunav: बुनियादी सुविधाएं नहीं ऊपर से बर्फ ही बर्फ.. इन सैकड़ों बूथों पर कैसे होगी वोटिंग?

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बलबीर सिंह परमार/सुष्मिता थापा
उत्तरकाशी/बागेश्वर. प्रदेश में 14 फरवरी को मतदान होना है और यहां मौसम मतदान तय करने वाला फैक्टर हो सकता है. जनपद उत्तरकाशी की तीन विधानसभाओं में हिमाच्छादित 113 बूथों पर मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए पोलिंग पार्टियों को मौसम की खासी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, बागेश्वर में चुनाव को लेकर वोटरों की उदासीनता बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर भी चुनाव आयोग बर्फ को पार करते हुए जागरूकता मुहिम चला रहा है. यही नहीं, इन दोनों ज़िलों में सड़क और संचार की बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी समस्याओं का आलम है कि यहां चुनाव कराना पेचीदा ही होगा.

उत्तरकाशी जनपद में ऐसे भी 62 गांव हैं, जो सड़क और संचार से पूरी तरह कटे रहते हैं. अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव भी आज तक बना हुआ है. अधिकांश बूथों तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को दो से तीन दिन लग जाते हैं क्योंकि कई बूथों तक 5 से 10 किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती है. ऐसे में मौसम भी प्रतिकूल हो, तो पोलिंग पार्टियों को कड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ेगा. ज़िला प्रशासन का दावा है कि पोलिंग स्टेशनों तथा पोलिंग पार्टियों के लिए सैटेलाइट फोन के साथ ही ठंड से बचने के लिए गमबूट, जुराबें, दस्ताने व ईवीएम को कवर सहित पहुंचाने जैसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

तीन विधानसभाओं के बूथ, जो बर्फ से ढंके हैं
उत्तरकाशी के पुरोला-राप्रावि सांखाल, कामरा, सरगांव, डिगाड़ी, पौण्टी (बडियाड़), किमडार, चिवां, वलावट, मौण्डा, धारा, टिकोची, किराणू, माकुड़ी, दुचाणू, आराकोट डामटी, कलीच, देवती, भूटाणू, दणगाणगांव, कलाप, नूराणू, खेडमी, लिवाडी, कासला, राला, फिताड़ी, जखोल, धारा गांव, सुनकुण्डी, पांव मल्ला, सांकरी, कोटगांव, सटूड़ी, सावणी, सिरगा, ओसला, पवाणी, गंगाड, तालुका, बरी, हडवाडी, सेवा, दोणी, खन्ना, मसरी, भितरी, खन्यासणी, पुजेली, कन्सोला, जखाली, बनाल, कफनौल, हिमरोल, मुगरसन्ती आदि.

वहीं, यमुनोत्री में पटागंणी, बसराली, सरनोल, कुर्सिल, स्यानाचट्टी, बाडिया, दागुड गांव, कुपडा, निसणी, पिण्डकी मदेश, दुर्बिल, नारायणपुरी, खरसाली बनास, राना, खनेडा, स्यालना, हलना आदि तो गंगोत्री सीट के हर्षिल, मुखवा, बगोरी, धराली, गंगोत्री, झाला, पुराली, जसपुर, सुक्खी, भुक्की, सालंग, हुर्री, भंगेली, तिहार, कुज्जन, रैथल, नटीण, वार्सू गोरसाली, जखोल, सोरा, सालू, सारी, स्यावा, सिल्ला,जौडाव, पिलंग व अगोडा आदि बूथ हिमाच्छादित हैं.

बर्फ को फांदकर वोटरों तक पहुंची SVEEP टीम
इधर, मतदान के आंकड़े देखें तो बागेश्वर की जनता उत्साहित नज़र नहीं आती. 2017 विधानसभा चुनाव में ज़िले की दोनों विधानसभाओं में कुल वोटिंग प्रतिशत 61.18 रहा. केंद्रीय निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश पर स्वीप (सिस्टमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिशिपेशन) की टीम ज़िले भर में अधिक मतदान के लिए वोटरों को गांव गांव जाकर जागरूक करने में जुटी है. जिन गांवों के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है, टीम वहां भी जा रही है. यहां पहुंचने में उन्हें कई किलोमीटर बर्फीले रास्ते तय करने पड़ रहे हैं. मतदान के लिहाज़ से बर्फीला मौसम यहां भी फैक्टर बना हुआ है.

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Tags: Snowfall in Uttarakhand, Uttarakhand Assembly Election

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