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Uttarakhand Election: हरीश, हरक, रणजीत… तीन रावत और तीन बड़े सवाल, कैसे निपटेगी कांग्रेस?

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देहरादून. कांग्रेस ने हरीश रावत के रामनगर सीट से लड़ने का ऐलान किया तो एक सस्पेंस खत्म हुआ, लेकिन दूसरा पैदा हो गया. कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत का दावा है कि इस सीट से टिकट के लिए पार्टी ने उन्हें आश्वस्त किया था, लेकिन ऐन समय पर फैसला बदल गया. अब वह एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में दिख रहे हैं. वहीं, भाजपा से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस किस सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी में है, यह अभी तय होना शेष है जबकि हरक सिंह भी बड़े बोल से चूक नहीं रहे. इसके साथ ही आपको बताते हैं कि पूर्व सीएम हरीश रावत जहां से हारे थे, उस पुरानी सीट पर कहां पेंच फंसा हुआ है.

पहला मामला तो रणजीत रावत का ही है, ​जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने टिकट जारी करते समय रूठों को मनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी. अब उनका कहना है, ‘मुझे ही पार्टी ने रूठों की श्रेणी में रख दिया है.’ हरदा को रामनगर से टिकट दिए जाने पर वह बोले, ‘कांग्रेस ने मुझे आश्वासन दिया था और मैं पिछले पांच सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहा था. अब मैं अपने साथियों के साथ विचार विमर्श कर रहा हूं और जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में खुलासा करूंगा.’ इस बयान के संदर्भ में चर्चा यह चल रही है कि रणजीत रावत निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि कांग्रेस उन्हें सल्ट से टिकट देकर मना सकती है. आज मंगलवार को इस बारे में बड़ी खबर आ सकती है.

हरक सिंह रावत का बड़ा बयान!
‘अब मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता’, पहले यह बयान दे चुके हरक सिंह रावत पिछले हफ्ते कांग्रेस में शामिल हुए. अब उनका कहना है कि पार्टी उन्हें जिस सीट से चुनाव लड़वाएगी, वह तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘चौबट्टाखाल से लड़ना हो या त्रिवेंद्र सिंह रावत की सीट से, मैं पार्टी का आदेश मानूंगा. पार्टी चुनाव नहीं भी लड़ाएगी तो मैं पूरे प्रदेश में पार्टी के लिए काम करूंगा.’

लेकिन, इसी बीच हरक सिंह ने एक बात और कही, ‘मैं बड़ी बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन ईश्वर की मुझ पर कृपा है कि मेरे एक अनुरोध पर प्रदेश की कई सीटों पर 1000 से 25,000 वोट तक इधर उधर हो सकते हैं.’ हरक सिंह रावत के इस बयान को क्या कांग्रेस किसी धमकी के तौर पर समझेगी? या उनकी मनचाही सीट से चुनाव का टिकट दिए जाने के दबाव के तौर पर? इस तरह की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं.

हरिद्वार ग्रामीण सीट पर भी फंसा है पेंच?
2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के चलते हरीश रावत इस सीट से चुनाव मामूली अंतर से हार गए थे. इस बार वह रामनगर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, तो सवाल खड़ा हो गया ​है कि अब इस सीट से पार्टी किसे उम्मीदवार बनाएगी. क़यास यह है कि यहां से रावत की बेटी अनुपमा रावत को कांग्रेस टिकट दे सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह दिलचस्प होगा कि हारी हुई सीट से कोई दिग्गज नेता अपनी अगली पीढ़ी को लॉंच करे.

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Tags: Harak singh rawat, Harish rawat, Uttarakhand Assembly Election, Uttarakhand congress ticket distribution

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