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Uttarakhand Election: खामोश दलबदल जारी है..! रात में BJP नेताओं से मिलीं सरिता आर्य क्या छोड़ेंगी कांग्रेस?

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देहरादून. विधानसभा चुनाव से पहले दलबदल फिर चर्चा में है. उत्तर प्रदेश और गोवा में कई नेताओं के इधर उधर होने की सुर्खियों के बीच उत्तराखंड में भी ये ट्रेंड थमा नहीं है. अब कांग्रेस की महिला विंग की प्रमुख सरिता आर्य के पार्टी बदलने की चर्चाएं गर्म हैं. आर्य ने शुक्रवार रात बीजेपी के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की. करीब एक घंटे चली ये मुलाकात जोशी के डालनवाला स्थित गेस्ट हाउस में हुई. इस दौरान पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे. इस मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि किशोर उपाध्याय के साथ बीजेपी आर्य को जोड़कर कांग्रेस को दोहरा झटका दे सकती है, लेकिन कहानी में मोड़ और भी हैं.

करीब एक घंटे तक चली मीटिंग के बाद रात पौने 11 बजे गेस्ट हाउस से बाहर आईं आर्य से नयूज़ 18 ने पूछा कि क्या वो बीजेपी जॉइन कर रही हैं? तो सरिता आर्य ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और अपनी कार में बैठकर चली गईं. लंबे समय से आर्य के बीजेपी में जाने की चर्चाएं सियासी हलकों में तैर रही थीं क्योंकि यहां दलबदल से ही हालात उलट गए. कुछ महीनों पहले ही बीजेपी सरकार में मंत्री रहे यशपाल आर्य अपने विधायक बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में वापस आ गए, तो नैनीताल सीट पर टिकट के समीकरण काफी विकट हो गए.

सरिता आर्य की नाराज़गी के मायने?
नैनीताल सीट पर बीजेपी से विधायक रहे संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद से ही सरिता आर्य नाराज़ हैं. 2012 से 2017 तक नैनीताल सीट से कांग्रेस टिकट पर विधायक रह चुकी सरिता आर्य की दावेदारी इस बार मज़बूत थी, लेकिन संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद से उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है. पिछले हफ्ते नैनीताल सीट से ही कांग्रेस नेता और टिकट के दावेदार हेम आर्य ने भी बीजेपी जॉइन की थी.

दोनों पार्टियों का गणित क्यों गड़बड़ाया?
संजीव आर्य बीजेपी के सिटिंग विधायक रहे हैं, लेकिन इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो जाने से नैनीताल सीट पर कांग्रेस ही नहीं, बीजेपी का गणित भी गड़बड़ा गया है. यशपाल आर्य की कांग्रेस वापसी के बाद कांग्रेस नेता हेम आर्य बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. अब सरिता आर्य को भी अब अपना राजनीतिक भविष्य अधर में लटकता दिखाई दे रहा है. टिकट मिलने की शर्त पर ही सरिता बीजेपी का दामन थाम सकती हैं. यानी सरिता बनाम हेम के बीच भाजपा को समीकरण साधने होंगे.

रात में ही जोशी से मिले थे उपाध्याय
हाल में, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी रात को बीजेपी चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी से मुलाकात करते हुए देखे गए थे. बाद में, बीजेपी नेताओं से संपर्क के आरोप में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी देवेंद्र यादव ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था. माना जा रहा है कि कांग्रेस के दोनों असंतुष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल कर बीजेपी एक तरह से कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना सकती है.

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Tags: Assembly elections, Uttarakhand Assembly Election, Uttarakhand politics

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