उत्तराखंड

Uttarakhand Politics: हरक सिंह रावत ये क्या बोल गए! क्या फिर बढ़ेगा BJP का सिरदर्द?

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देहरादून. अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड बीजेपी अबकी बार साठ पार के नारे के साथ मैदान में कूदी है, लेकिन उसका ये नारा खुद उसी के कई नेताओं को हज़म नहीं हो रहा है. बीते दिनों पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी कह चुके हैं कि ये कार्यकर्ताओं को उत्साह में दिया गया नारा है. बहुगुणा ने कहा कि ‘मैं इतना कह सकता हूँ कि हम बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रहे हैं.’ अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी कुछ इसी लाइन पर बयान देकर एक बार फिर भाजपा का सिरदर्द बढ़ा दिया है. हरक सिंह ने कहा, ‘मनोबल हमेशा ऊंचा होना चाहिए और सपने भी देखे जाने चाहिए, जो सपने नहीं देखता वह तरक्की नहीं कर सकता. लेकिन, उत्तराखंड की राजनीति में अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगा.’

अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर हरक सिंह का कहना है, ‘मैंने चालीस सालों में जो समझा है, उसके आधार पर कह सकता हूं कि उत्तराखंड के लोगों का जो मिज़ाज है, यहां कितना भी काम कर लो, उससे चुनाव जीतने की गारंटी नहीं हो जाती. हरक सिंह कहते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य बनाया, लेकिन जब चुनाव में गए तो बीजेपी 70 में से 19 सीटों पर सिमट गई. उत्तरप्रदेश में रहते हुए शिवानन्द नौटियाल ने राठ क्षेत्र को चमका दिया था, लेकिन शिशु मंदिर में टीचर रमेश पोखरियाल निशंक से वे चुनाव हार गए.

“निशंक ने भी काम किए, पर चुनाव हार गए”

इसी बातचीत में हरक सिंह ने आगे कहा कि पर्वतीय विकास मंत्री रहते हुए निशंक ने भी राठ के विकास के लिए बहुत से काम किए. लेकिन क्या हुआ? मुंबई में छोटी मोटी दूध डेयरी चलाने वाले और आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से निशंक भी चुनाव हार गए. हरक सिंह ने कहा, ‘बहुत काम करने से कोई चुनाव जीत जाएगा, ऐसा मैं नहीं मानता.’ इस बयान को एक तरह से हरक का सरकार पर निशाना माना जा रहा है, क्योंकि बीजेपी सरकार इस बार चुनाव में उपलब्धि के नाम पर यही गिना रही है कि पांच साल में जो काम हुए, वो पिछले 20 सालों में नहीं हुए.

इन सीटों से 10 दिन में जीतने का दावा

बीते दिनों कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद हरक के भी तल्ख तेवरों ने बीजेपी की धड़कन बढ़ाए रखी. चर्चा बार-बार होती रही कि हरक सिंह भी कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं. अब माना जा रहा है कि बीजेपी ने हरक को मैनेज कर लिया है. सूत्रों की मानें तो उनके कद और प्रभाव को देखते हुए मनचाही सीटों पर टिकट देने की उनकी मांग बीजेपी हाईकमान ने मान ली है. एक तरह से हरक को फ्री हैंड दे दिया गया है. हरक कहां से चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल पर हरक ने दावा किया कि केदारनाथ, सहसपुर, यमकेश्वर, डोईवाला, कोटद्वार में से किसी भी सीट पर वो महज़ दस दिन के भीतर चुनाव जीतकर दिखा सकते हैं.

लेकिन चुनाव कहां से लड़ेंगे हरक?

चर्चा ये भी है कि हरक सिंह इस बार कोटद्वार से चुनाव नहीं लड़ना चाहते, लेकिन वो कहां से चुनाव लड़ेंगे? इसको लेकर अभी हरक ने पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि, हरक सिंह दर्जनों बार कह चुके हैं कि उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है, लेकिन पार्टी कहेगी तो मैं कहीं से भी चुनाव लड़ने को तैयार हूं. बीते दिनों की गई बयानबाज़ी के विषय पर भी हरक सिंह ने न्यूज़18 से बातचीत की और कहा ‘मैंने कोई तल्ख टिप्पणी नहीं की थी.’

“बहुत सारे लोगों को सच हजम नहीं होता”

हरक सिंह ने यह भी दावा किया, ‘मैं जब भी कोई बात बोलता हूं, बहुत सोच समझकर बोलता हूं. वह सच होती है उसमें 0.1 परसेंट भी हेरफेर नहीं होता.’ हरक कहते हैं कि बहुत सारे लोगों को सच हज़म नहीं होता और वो अपने हिसाब से बातों के मायने निकाल लेते हैं. उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री, चुनाव प्रभारी से लेकर मुख्यमंत्री तक मेरी सबसे बातचीत हुई है. जो चीज़ें मुझे पसंद नहीं आतीं, मैं साफ कह देता हूं.’

Tags: Harak singh rawat, Uttarakhand Assembly Election 2022, Uttarakhand news, Uttarakhand politics



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