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Weather Update: उत्तर-पश्चिम भारत से विदा हुआ मानसून, दक्षिण राज्यों में भारी बारिश के आसार

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नई दिल्ली. देश में मानसून (Monsoon) की वापसी का दौर शुरू गया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि बुधवार को देश के कुछ उत्तर-पश्चिम इलाकों से मानसून वापस हो गया है. हालांकि, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में गुरुवार को भी बादल जमकर बरस सकते हैं. विभाग ने सितंबर में जानकारी दी थी कि देश में चार महीनों की मौसम के दौरान ‘सामान्य’ बारिश हुई है.

विभाग की तरफ से बुधवार को जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार, 6 से 10 अक्टूबर के बीच केरल और तटीय कर्नाटक के बीच भारी बारिश की संभावना है. वहीं, तमिलनाडु में 7 अक्टूबर और कर्नाटक में 6 से 8 अक्टूबर के बीच भारी बारिश हो सकती है. जानकारों का मानना है कि 1960 के बाद यह दूसरी सबसे देरी से मानसून की वापसी हो रही है.

देश में हुई सामान्य बारिश
सितंबर में IMD ने कहा था कि पूर्वोत्तर मॉनसून के भी सामान्य रहने के आसार हैं जिससे अक्टूबर से दिसंबर तक दक्षिणी राज्यों में बारिश होती है, जिनमें तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल, दक्षिण अंदरूनी कर्नाटक और लक्षद्वीप शामिल हैं. विभाग के महानिदेशक एम. महापात्र ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से छह अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लौटने की शुरूआत होने के लिए बहुत अनुकूल मौसमी दशाएं होने की संभावना है.

आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र में वरिष्ठ पूर्वानुमानकर्ता आरके जेनामणि ने बताया कि 1960 के बाद यह दूसरा मौका है जब मॉनसून इतनी देर से लौट रहा है. उन्होंने कहा कि 2019 में उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून ने नौ अक्टूबर से लौटना शुरू कर दिया था. उत्तर पश्चिम भारत से दक्षिण पश्चिम मानसून आमतौर पर 17 सितंबर से लौटना शुरू कर देता है.

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम है, क्योंकि देश की जीडीपी अब भी कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर बहुत अधिक निर्भर है. यह उन जलाशयों को भरने के लिए महत्वपूर्ण है जिनका उपयोग पीने के पानी की आपूर्ति और सिंचाई के लिए किया जाता है. कुल मिलाकर देशभर में बारिश जून में 110 फीसदी, जुलाई में 93 प्रतिशत और अगस्त में 76 फीसदी हुई. इन महीनों में सबसे ज्यादा बारिश होती है. हालांकि जुलाई और अगस्त में बारिश कम हुई, लेकिन इसकी कमी सितंबर में पूरी हो गई जब एलपीए की 135 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई.

आईएमडी ने कहा कि नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लक्षद्वीप में कम बारिश हुई. वहीं पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर अंदरूनी कर्नाटक, पश्चिम बंगाल का गंगा का क्षेत्र, कोंकण और गोवा, मराठवाड़ा और अंडमान और निकोबार में मॉनसून के मौसम में अधिक वर्षा दर्ज की गई. दक्षिण पश्चिम मॉनसून दो दिन की देरी के बाद तीन जून को केरल पहुंचा था. इसने 15 जून तक तेजी से मध्य, पश्चिम, पूर्वी, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत को कवर कर लिया था.

(भाषा इनपुट के साथ)

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