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Omicron: भारत में कब लगेगी बूस्‍टर डोज? मिक्‍स एंड मैच वैक्‍सीन से होगा फायदा? जानें क्‍या बोले विशेषज्ञ

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नई दिल्‍ली. दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. भारत (Omicron Cases in India) में भी अब तक इसके 23 मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) लगवा चुके लोगों को भी यह संक्रमित कर रहा है. इस बीच देश-दुनिया में कोरोना वायरस वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज (Vaccine Booster Dose) पर चर्चा तेज हो गई. कोरोना की बूस्‍टर डोज को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की बैठक हुई लेकिन विशेषज्ञों का पैनल किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका. इस बीच एक विशेषज्ञ ने बूस्‍टर डोज को लेकर कई सारे भ्रम दूर करने की कोशिश की है.

आखिर क्‍यों जरूरी है कोरोना वैक्‍सीन?
टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में डॉ. हेमंत थाकर ने कहा है कि यह तथ्‍य निसंदेह रूप से साबित हो चुका है कि वैक्‍सीन कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं. इस टीकाकरण का मुख्‍य उद्देश्‍य कोरोना वायरस से बचाव करना है. अभी भी इसका शुरुआती चरण है लेकिन हम एक बात पूरे जोरों से कहेंगे कि भले ही कभी वैक्‍सीन हमें कोरोना वायरस से बचा नहीं सकती लेकिन यह इसके खतरे को काफी कम कर देती हैं. अगर कोई व्‍यक्ति वैक्‍सीन लगवाने के बाद कोरोना संक्रमित होता है तो यह देखा जा सकता है.

उनका कहना है, ‘अग्रिम मोर्चे पर रहते हुए मैंने खुद देखा है कि कैसे टीकाकरण ने लोगों को कोरोना वायरस के खतरों से बचाया है. वैक्‍सीन के कारण बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग हैं जो अस्‍पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर पर जाने से बच गए हैं. इसके कारण मृत्‍यु दर में भी गिरावट आई है. एंटीबॉडी भी अपना काम कर रही हैं. अब सवाल यह उठा कि वैक्‍सीन का असर कब तक रहेगा. इसका जवाब विज्ञान पता लगा रहा है. ओमिक्रॉन वेरिएंट के व्‍यवहार के बारे में भी शोध जारी है.

क्‍या हमें हैं बूस्‍टर डोज कर जरूरत?
डॉ. हेमंत का कहना है कि यह लगातार एक चर्चा का विषय बना हुआ है कि जैसे हर साल लोगों को इंफ्लुएंजा वायरस से बचाने के लिए फ्लू का टीका लगाया जाता है, वैसे ही कोविड 19 में भी बूस्‍टर डोज की जरूर होगी. शायद लगातार ऐसा करना पड़े. ऐसा इसलिए भी कहना ठीक होगा क्‍योंकि वैज्ञानिक तौर पर यह कहा गया है कि टीकाकरण के नौ म‍हीने बाद वैक्‍सीन का असर कम होने लगता है. ऐसे में वैक्‍सीन के अतिरिक्‍त शॉट यानी बूस्‍टर शॉट की जरूरत की संभावना होगी.

रिपोर्ट में डॉ. हेमंत का कहना है कि पहली बार उन देशों में कोरोना वैक्‍सीन के बूस्‍टर डोज की आवश्‍यकता महसूस हुई थी, जहां ओमिक्रॉन वेरिएंट से पहले ही बड़े स्‍तर पर टीकाकरण हो चुका था. पुरी दुनिया में इस समय सबसे अधिक इस्‍तेमाल हो रही वैक्‍सीन में एस्‍ट्रा (कोविशील्‍ड) और फाइजर सबसे आगे हैं. लांसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कई ऐसी वैक्‍सीन हैं जिनकी तीसरी डोज को काफी प्रभावी देखा जा रहा है.

https://www.youtube.com/watch?v=-wX9-PDDxhQ

क्‍या बूस्‍टर डोज एक ही वैक्‍सीन की होनी चाहिए?
इस बात को लेकर अधिक मत है कि जब मिक्‍स एंड मैच वैक्‍सीन की डोज को बूस्‍टर डोज की तरह दिया जाए तो इससे काफी बेहतर प्रतिक्रिया मिलती है. डॉ. हेमंत का कहना है कि अगर भारत की बात करें तो देश में जनवरी 2021 में टीकाकरा शुरू हुआ था. दूसरी डोज के बाद ऐसी संभावनाएं हैं कि देश में अगले साल की शुरुआत में बूस्‍टर डोज का समय आए. इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. अथॉरिटी अपनी ओर से बूस्‍टर डोज को लेकर अध्‍ययन कर रही हैं. संभावना है कि इसके बाद जल्‍द ही बूस्‍टर डोज की आधिकारिक घोषणा हो.

Tags: Booster Dose, Coronavirus, COVID 19, Omicron



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