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डेल्टा से तेज फैलता ओमिक्रॉन, वैक्सीन के प्रभाव को करता है कम: WHO

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नई दिल्ली. देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते आंकड़ों के बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का बयान एक तरफ चिंता बढ़ाने वाला है तो दूसरी तरफ कुछ राहत भरा भी है. दरअसल, डब्ल्यूएचओ ने एक अध्ययन के आधार पर कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा (Delta) से ज्यादा तेजी से फैलने के साथ ही वैक्सीन के प्रभाव (Vaccine Efficacy) को भी कम करता है. लेकिन दूसरी तरफ यह भी कहा है कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन से होने वाला संक्रमण कम घातक है. संक्रमित व्यक्ति में दिखने वाले लक्षण डेल्टा के मुकाबले बहुत कम गंभीर होते हैं.

बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिला था. इस वैरिएंट में अब तक सामने आए वैरिएंट्स के मुकाबले सबसे ज्यादा म्यूटेशन पाए गए. कई देशों ने इस वैरिएंट के सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका से यात्रा पर ट्रैवल बैन लगा दिया.

अब तक 63 देशों में पाए गए ओमिक्रॉन के मामले
दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को सबसे पहला ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति मिला था. एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने बताया कि 9 दिसंबर तक ओमिक्रान 63 देशों में फैल चुका है. दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा वैरिएंट इतना प्रभावी नहीं था जितना ओमिक्रॉन पाया गया. जबकि ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट की वजह से संक्रमण दर बेहद तेजी से बढ़ी थी. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि शुरुआती अध्ययन के मुताबिक ओमिक्रॉन वैक्सीन के असर कम करता है. यानी वैक्सीन की वजह से रुकने वाले संक्रमण और ट्रांसमिशन की क्षमता को प्रभावित करता है.

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शुरुआती अध्ययन के मुताबिक ओमिक्रॉन का प्रसार तेज पर घातक कम
अभी तक हुई रिसर्च के मुताबिक ओमिक्रॉन गंभीर संक्रमण नहीं करता लेकिन कम्यूनिटी इन्फेक्शन का खतरा डेल्टा के मुकाबले कहीं ज्यादा है. अभी तक सामने आए मामलों में संक्रमित व्यक्ति में लक्षण गंभीर नहीं पाए गए हैं. यह काफी हल्के हैं. लेकिन डबल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि अभी यह सब निष्कर्ष बहुत शुरुआती अध्ययन के आधार पर निकाले गए हैं. अभी तक हुए अध्ययन के आधार पर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है.

फाइजर, बायोएनटेक का दावा ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी हैं तीन डोज
वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर और बायोएनटेक ने दावा किया है कि ओमिक्रॉन के संक्रमण को रोकने में उनकी वैक्सीन के तीन डोज प्रभावी हैं. हालांकि अभी इस पर कोई विस्तृत अध्ययन नहीं किया गया है.



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