अंतर्राष्ट्रीय

नेपाल ने भारत-चीन के साथ दोस्ती को क्यों बताया बेहद जरूरी?

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काठमांडू. नेपाल (Nepal) के नए विदेश मंत्री नारायण खड़का (Narayan Khadka) ने 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कहा कि नेपाल की अपने दोनों पड़ोसी देशों भारत (India) और चीन (China) के साथ मित्रता उसकी विदेश नीति के लिए ‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण’ है. खड़का ने सोमवार को महासभा की आम चर्चा के अंतिम दिन कहा कि विश्व को लेकर नेपाल का दृष्टिकोण ‘सभी के साथ मित्रता और किसी से दुश्मनी नहीं’ के सिद्धांत पर आधारित है.

उन्होंने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba) के नेतृत्व वाली सरकार ‘संप्रभु समानता, आपसी सम्मान और साझा हित के आधार पर विदेश नीति को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है और वह वृहद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सभी मित्रवत देशों के साथ संवाद कायम रखती है.’ खड़का ने कहा, ‘हमारे दोनों पड़ोसियों भारत और चीन के साथ हमारी मित्रता हमारी विदेश नीति को आगे बढ़ाने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. यह नीति नेपाल के प्रबुद्ध पुत्र भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरित शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के पांच सिद्धांतों, पंचशील पर आधारित है.’

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खड़का को 22 सितंबर को नेपाल का विदेश मंत्री बनाया गया था. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के खाके के रूप में इन सिद्धांतों की प्रासंगिकता वर्तमान संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र (United Nations) चार्टर के सिद्धांत एवं उद्देश्य, गुटनिरपेक्षता, अंतरराष्ट्रीय कानून और विश्व शांति के मापदंड हमारी विदेश नीति के आधार हैं.’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को यहां महासभा सत्र के इतर खड़का से मुलाकात की थी और ट्वीट किया था, ‘अपने नए नेपाली समकक्ष डॉ. नारायण खड़का का स्वागत करके खुशी हुई. हमने सहमति जताई कि हमें हमारे विशेष संबंधों को आगे ले जाने के लिए निकटता से मिलकर काम करना चाहिए.’

‘देश कई आधार पर तेजी से बंट रहे हैं’
उन्होंने आगे कहा, ‘दुनिया के सभी देशों के सामने आतंकवाद से लेकर जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, बड़े पैमाने पर पलायन, राजनीतिक कट्टरवाद और अतिवाद जैसी चुनौतियां हैं.’ खड़का ने कहा कि इन सभी कारकों के सामूहिक प्रभाव के कारण ‘हम संशय एवं अनिश्चितता के बीच नए तरीके से जीवन जी रहे हैं. हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संघर्ष देख रहे हैं. ये देशों के बीच होने के बजाय उनके अपने आंतरिक संघर्ष अधिक हैं. इसने पहचान की राजनीति को बढ़ावा दिया है. देश नस्ल, जाति, लिंग एवं धर्म के आधार पर तेजी से बंट रहे हैं.’

भारत और चीन का आभार जताया
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन अकल्पनीय समस्याओं का सामना करने के लिए सहिष्णुता एवं सद्भाव से काम करने तथा एक ‘साझा आधार’ खोजने की अपील की (India China Nepal Conflict). खड़का ने विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में हिमालयी देश की मदद करने के लिए भारत और चीन का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘हम कोविड संकट से निपटने में मदद करने के लिए हमारे निकट पड़ोसियों भारत एवं चीन के आभारी हैं’ (एजेंसी इनपुट के साथ)

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