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अगली एफ़टीपी में पांच टेस्ट मैचों की होगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी

दुबई। 1992 के बाद पहली बार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेली जाएगी। मई 2023 से अप्रैल 2027 तक चलने वाली आईसीसी की अगली एफ़टीपी में यह निर्धारित किया गया है।
2018-19 में भारत, ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीतने वाला पहला एशियाई देश बना था। इसके दो साल बाद, कई बड़े खिलाडिय़ों की ग़ैरमौजूदगी में टीम ने गाबा में एक धमाकेदार जीत करते हुए 2-1 से सीरीज़ अपने नाम की थी। दोनों मौक़ों पर चर्चा हुई थी कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी को पांच मैचों की सीरीज़ बनाया जाना चाहिए और अब यह सच हो रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने अगले चार सालों में दो ऐसी सीरीज़ खेलने पर सहमति जताई है।

मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर-जनवरी 2024-25 में पांच टेस्ट मैचों के लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगा। इसके बाद साल 2027 की शुरुआत में यह दोनों टीमें भारत में टकराएंगी। यह दोनों ही सीरीज़ क्रमश: 2023-25 और 2025-27 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) चक्र का हिस्सा होंगी।
इसके अलावा भारत को इंग्लैंड के विरुद्ध पांच मैचों की दो टेस्ट सीरीज़ खेलनी है – घर पर 2024 में और 2025 में इंग्लैंड जाकर। जहां घरेलू सीरीज़ 2023-25 डब्ल्यूटीसी का हिस्सा होगी वहीं अगली सीरीज़ 2025-27 चक्र के अंतर्गत खेली जाएगी।

नई एफ़टीपी के मसौदे के अनुसार जहां इंग्लैंड को 42 और ऑस्ट्रेलिया को 41 टेस्ट खेलने हैं, वहीं भारत 38 टेस्ट मैचों में हिस्सा लेगा। इसके अलावा बांग्लादेश (34) और न्यूज़ीलैंड (32) ही वह दो टीमें है जो 30 से अधिक टेस्ट मैच खेलेंगी।
मानदंड के अनुसार डब्ल्यूटीसी च्रक की सीरीज़, भाग लेने वाली टीमों द्वारा सहमति से निर्धारित की जाती है जबकि आगामी दो डब्ल्यूटीसी च्रक के लिए सीरीज़ पर मुहर लगाई जा चुकी है, मैचों की संख्या और तारीख़ों में समायोजन के लिए जगह है। नतीजतन, आईसीसी, जो एफ़टीपी को अंतिम रूप देने में देशों की मदद करने के लिए एक सुविधाजनक भूमिका निभाता है, ने एफ़टीपी के मसौदे में कई सीरीज़ की पहचान की है, जिनपर इंग्लैंड के बर्मिंघम में 25 और 26 जुलाई को आईसीसी वार्षिक सम्मेलन के अंत तक अंतिम फ़ैसला लिया जाना है।

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