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UP Election: हिंदुत्व के रास्ते पर कांग्रेस! प्रियंका गांधी का व्रत, मां दुगा के जयकारे और गले में रुद्राक्ष की माला

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी किए.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी किए.

Assemby Election 2022: वाराणसी से लेकर लखनऊ तक प्रियंका गांधी का सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर अपना झुकाव दिखाती हुई नजर आईं, उन्होंने वाराणसी में बताया कि उनका नवरात्रि का व्रत है, फिर लखनऊ में सोमवार को वे रुद्राक्ष की माला पहने दिखीं.

वाराणसी. बीजेपी के भगवा राज में अब कांग्रेस भी अपना रास्ता कुछ-कुछ सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर लेकर चल पड़ी है. मिशन 2022 की शुरुआत के साथ ही ये देखने को भी मिलने लगा है. कांग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने मिशन यूपी की शुरुआत रविवार को काशी से की. प्रतिज्ञा यात्रा को किसान न्याय यात्रा में तब्दील कर कमान खुद प्रियंका गांधी ने संभाल ली. इस दौरान वे पूरी तरह से सॉफ्ट हिंदुत्व का चोला ओढ़े दिखीं. वाराणसी में आयोजित रैली में पहुंचते ही उन्होंने पहली बात जो बोली वो थी कि आज नवरात्रि का चौथा दिन है और वे व्रत पर हैं. इसके बाद उन्होंने मंत्रोचारण किया और मां दुर्गा के जयकारे लगाए. इससे पहले वाराणसी यात्रा की शुरुआत उन्होंने बाबा विश्वनाथ के मंदिर में दर्शन कर की और फिर दुर्गाकुंड में जाकर मां कुष्मांडा की पूजा भी की.
एक और खास बात जो सोमवार को देखने को मिली उसने सॉफ्ट हिंदुत्व की बात को एक और सहारा दिया. प्रियंका लखनऊ में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्गी की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा के पास मौन पर बैठीं. इस दौरान उनके गले में रुद्राक्ष की माला साफ दिखाई दे रही थी.

भूपेश बघेल ने खुद को गऊ सेवक बताया
काशी में कांग्रेस की किसान न्याय रैली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद को गऊ सेवक साबित किया था. बघेल ने कहा था कि यूपी में ये लोग गऊ माता का नाम लेते हैं पर उनके लिए काम नहीं करते हैं. छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार दो रुपये किलो गोबर खरीद रही है.

वहीं दूसरी तरफ न्यूज 18 के एजेंडा पूर्वांचल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिन्दुत्व की धार को और मजबूत किया था. सीएम ने कहा था कि 2014 के पहले देश में और 2017 के पहले प्रदेश में मुस्लिम पर्व त्योहार तो सकुशल मन जाते थे लेकिन हिंदू पर्व दंगों की भेंट चढ़ जाते थे. तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को गोल टोपी पहन इफ्तार पार्टी में जाना ठीक लगता था लेकिन कांवड़ यात्रा और थानों में जन्माष्टमी पर प्रतिबंध लगाया जाता था. साथ ही कहा था कि आज अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम को अपना बताने की विपक्षी दलों के नेताओं में होड़ है. यह वही लोग हैं जो कभी प्रभु श्रीराम को काल्पनिक बताते थे. यह हमारी वैचारिक विजय है.

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